DUSU Election पर दिल्ली HC का सख्त रुख, नुकसान की भरपाई होने तक रद्द करें चुनाव
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से नाराज दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि VC को चुनाव रद्द करने सहित सख्त कार्रवाई करनी चाहिए या पूरी तरह से नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री को हटाने तक इसे स्थगित कर देना चाहिए.;
दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 सितंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनावों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त टिप्पणी की है. न्यायालय ने यूनिवर्सिटी के VC को इस मामले पर कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक नुकसान की भरपाई नहीं की जाती, तब तक छात्र संघ चुनावों को रद्द या स्थगित किया जा सकता है.
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि चुनाव में बड़ी मात्रा में धन खर्च किया गया है. कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से मांग की है कि वह इस मामले में तत्काल सख्त कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि पैसों का गलत उपयोग न हो.
न्यायालय की कड़ी टिप्पणी
न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रसंघ चुनावों के दौरान लोग शिक्षा के स्थान पर अनपढ़ों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. यह स्थिति युवाओं में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है. पीठ ने चुनाव स्थगित करने, उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने और नामांकन प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही, कोर्ट ने कहा कि नुकसान की भरपाई होने तक परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे.
यूनिवर्सिटी की प्रतिक्रिया
दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से बोलते हुए वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि 26 सितंबर को फिर से विचार किया जाए, क्योंकि तब तक चुनाव के परिणाम आ सकते हैं. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित कर दी है और दिल्ली पुलिस को दिल्ली यूनिवर्सिटी, एमसीडी और दिल्ली मेट्रो के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया है ताकि आगे कोई गलती न हो और मौजूदा नुकसान को सही किया जा सके.
गंदगी पर हाई कोर्ट की टिप्पणी
अदालत ने डीयूएसयू चुनावों के दौरान हुए नुकसान और गंदगी पर कड़ी नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि कुलपति को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए. अदालत ने कहा, "जिस किसी का पोस्टर है, उसे बिल भेजें."
चुनावों में बढ़ते भ्रष्टाचार पर चिंता
अदालत ने कहा कि छात्र चुनावों में बड़े पैमाने पर धनराशि का इस्तेमाल युवाओं में भ्रष्टाचार की शुरुआत करता है. चुनाव प्रणाली का उद्देश्य छात्रों को भ्रष्ट करना नहीं होना चाहिए. अदालत ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की और कहा कि पहले सभी क्षतिग्रस्त स्थानों की मरम्मत की जाए, उसके बाद ही चुनाव हों.
याचिका और अदालत का आदेश
यह मामला प्रशांत मनचंदा द्वारा दायर याचिका से उत्पन्न हुआ था, जिसमें उन्होंने डीयूएसयू उम्मीदवारों और छात्र समूहों द्वारा सार्वजनिक और यूनिवर्सिटी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.