कब ख़त्म होगा गाजीपुर में कूड़े का पहाड़, अब सांस नहीं ले पा रहे मयूर विहार के लोग
कहा जाता है कि पहले ये बदबू यहां तक नहीं आती थी. पिछले कुछ सालों में गाजीपुर के पास मुर्गा मंडी और बूचड़खाना खुला. वहां के लोगों ने गंदगी फेंकना शुरू किया जो सड़कर एक जहरीली बदबू का रूप लेकर नुकसान पहुंचा रहा है. इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है.;
कोंडली का मयूर विहार क्षेत्र, जहां की जनता को अभी भी साफ़ और स्वच्छ हवा का इंतजार है. वो इसी उम्मीद में हैं कि कब गाजीपुर का कूड़े का पहाड़ ख़त्म हो और हमें एक बेहतर वातावरण में सांस लेने का मौका मिले. यहां पर जब भी हवा का रुख बदलता है तो लोगों को जीना दूभर हो जाता है. ये मुद्दा आने वाले विधानसभा में भी उठेगा और वह केजरीवाल की रेवड़ी या अन्य पार्टी के चुनावी वादों के सामने फीका पड़ जाएगा.
कहा जाता है कि पहले ये बदबू यहां तक नहीं आती थी. पिछले कुछ सालों में गाजीपुर के पास मुर्गा मंडी और बूचड़खाना खुला. वहां के लोगों ने गंदगी फेंकना शुरू किया जो सड़कर एक जहरीली बदबू का रूप लेकर नुकसान पहुंचा रहा है. इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है.
दिल्ली में साफ और स्वच्छ हवा लोगों के लिए एक चैलेंज बन चुका है. हर साल ठंड के शुरुआत में स्मॉग की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. आंकड़े बताते हैं कि स्मॉग के समय एक इंसान सांस लेता है तो वह 40-45 सिगरेट पीने के बराबर है. अब इस स्थिति में मयूर विहार, दल्लूपुरा, कल्याणपुरी, ओल्ड कोंडली, बुद्ध विहार के लोगों को इस जहरीले वातावरण में सांस लेना पड़ रहा है.
सांस लेना हुआ मुश्किल
दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड वीरपाल सिंह मयूर विहार के डेयरी फर्म में रहते हैं. वह बताते हैं कि जब हवा का रुख बदलता है तो घर के अंदर भी सांस लेना मुश्किल होता है. इस बदबू के कारण लोग बहुत परेशान हो चुके हैं. लोगों का घर है तो मजबूरन रहना ही पड़ेगा. अब घर छोड़कर तो नहीं जा सकते. अगर गलती से किसी ने कूड़े में आग लगा दी तो वहां का धुआं हमलोगों के घरों की खिड़की और दरवाजे बंद करने पर मजबूर कर देता है. ऐसा लगता है मानो चारदीवारी के अंदर कैद होकर ही जिंदगी गुजारनी पड़ेगी.
स्टैंडिंग कमिटी का होगा गठन
कूड़े का पहाड़ ख़त्म करने को लेकर कोंडली के विधायक कुलदीप कुमार ने बताया कि जिस कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था वह कामचोर निकली. अब उसे हटाने के लिए स्टैंडिंग कमिटी बनाया जाएगा. जब स्टैंडिंग कमिटी का गठन होगा तब उसे हटाकर नई कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा. फिर भी हम इस कंपनी से जैसे तैसे काम करवा रहे हैं.