Delhi Election: कैसे होती है वोटों की गिनती, जानें कहां देख सकेंगे लाइव रिजल्ट
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार सुबह 7 बजे से घोषित किए जाएंगे. सभी ईवीएम मशीनें ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी में 70 स्ट्रॉन्ग रूम में रखी गई हैं और 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में हैं. सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे, फिर ईवीएम की गिनती होगी. शाम 6 बजे तक परिणाम की उम्मीद है। सुरक्षा और पारदर्शिता के कड़े इंतजाम किए गए हैं.;
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने में अब केवल 24 घंटे से भी कम का समय रह गया है. शनिवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी. सभी ईवीएम मशीनों को 70 अलग-अलग स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है, जिन्हें ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी के तहत सुरक्षित किया गया है. इन मशीनों की 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी की जा रही है और सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी है कि कोई भी अनधिकृत प्रवेश नहीं कर सकता.
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था. अब भाजपा तथा आम आदमी पार्टी दोनों ही जीत का दावा कर रहे हैं. बीजेपी एक दशक बाद आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रही है, इसके लिए पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों का सहारा लिया है. वहीं, आप सरकार ने दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में किए गए विकास को 'दिल्ली मॉडल' के रूप में प्रस्तुत किया है. एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा को ज्यादा सीट मिल रही है, लेकिन एग्जिट पोल कितना सटीक होता है ये रिजल्ट के दिन ही पता चलेगा.
7 बजे खुलता है स्ट्रांग रूम का ताला
चुनावों की मतगणना प्रक्रिया का कार्य निर्वाचन अधिकारी (आरओ) द्वारा किया जाता है, जो चुनाव आयोग या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा नामित सरकारी अधिकारी होते हैं. आरओ निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव कराता है और वोटों की गिनती की जिम्मेदारी निभाता है. हर निर्वाचन क्षेत्र में सुबह 7 बजे के आसपास, रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक द्वारा स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है. ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बाहर निकाला जाता है.
8 बजे शुरू होती है काउंटिंग
चुनाव संचालन नियम 1961 के अनुसार, कंट्रोल यूनिट सबसे पहले काउंटिंग टेबल पर लाया जाता है. रिटर्निंग अधिकारी यह सुनिश्चित करता है कि कंट्रोल यूनिट पर पेपर सील बरकरार है और वोट फॉर्म 17सी में दर्शाए गए कुल वोटों से मेल खाते हैं. फिर उम्मीदवारों के प्रतिनिधि की उपस्थिति में प्रत्येक कंट्रोल यूनिट पर आईडी और सील का मिलान किया जाता है. गणना की प्रक्रिया सुबह 8 बजे डाक मतपत्रों से शुरू होती है, और ईवीएम पर मतों की गिनती 30 मिनट बाद शुरू होती है, या यदि डाक मतपत्र नहीं होते तो यह निर्धारित समय पर शुरू हो सकती है.
कैसे होती है काउंटिंग?
चुनाव आयोग की टीम सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू करेगी. सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती की जाएगी, इसके बाद ईवीएम खोली जाएंगी. मतगणना कई राउंड में होगी और इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि शाम 6 बजे तक चुनाव परिणाम सामने आ जाएंगे. दिल्ली में कुल 1.5 करोड़ वोटर हैं और इस बार 60.42% वोटिंग हुई है.
मतगणना की होती है वीडियोग्राफी
चुनावों की मतगणना प्रक्रिया का कार्य निर्वाचन अधिकारी (आरओ) द्वारा किया जाता है, जो चुनाव आयोग या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा नामित सरकारी अधिकारी होते हैं. आरओ निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव कराता है और वोटों की गिनती की जिम्मेदारी निभाता है. पूरी मतगणना प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है और सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी रखी जाती है. मतगणना के दौरान केवल मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग अधिकारी, सुरक्षाकर्मी और एजेंटों को ही अंदर जाने की अनुमति होती है. मतगणना खत्म होने तक मतदान एजेंटों को केंद्र से बाहर नहीं जाने दिया जाता.
रिटर्निंग ऑफिसर बताता है रिजल्ट
अंतिम परिणाम के बाद, रिटर्निंग अधिकारी परिणाम घोषित करता है और विजयी उम्मीदवार को प्रमाणपत्र प्रदान करता है. यदि किसी मतदान एजेंट को किसी अनियमितता का संदेह होता है, तो वह आधिकारिक परिणाम घोषित होने के बाद पुनर्मतगणना की मांग कर सकता है. मतगणना के बाद, ईवीएम को फिर से स्ट्रांग रूम में भेज दिया जाता है और चुनाव नियमों के तहत 45 दिनों तक वहीं रखा जाता है.
ईवीएम पर ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आर. एलिस वाज ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के स्ट्रॉन्ग रूम को भारत निर्वाचन आयोग के प्रोटोकॉल के तहत कड़ी सुरक्षा दी गई है. स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जबकि बाहरी घेरे में राज्य सशस्त्र पुलिस तैनात है.
कहां देख सकते हैं रिजल्ट?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.eci.gov.in पर देखे जा सकते हैं. यहां लाइव काउंटिंग भी उपलब्ध होगी और वेबसाइट पर सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सीट-वार विजेताओं और लाइव वोटों की गिनती दिखाई जाएगी. इसके अलावा आप स्टेट मिरर हिंदी की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.