50 सिगरेट के बराबर धुआं घोटने को मजबूर! आज दिल्ली का है यही हाल, कितना पड़ रहा है हेल्थ पर असर?

Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा गंभीर से अधिक गंभीर श्रेणी में है. सरकार इसे लेकर हर संभव कोशिश कर रही है. इसके लिए लगाए गए नियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक वह आदेश नहीं देता है, तब तक इसे ऐसे ही बनाए रखा जाए.;

Delhi Air Pollution
Edited By :  सचिन सिंह
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Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. मंगलवार को दिल्ली के लोगों ने हानिकारक प्रदूषित हवाओं के बीच सांस लिया. राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 7 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 492 दर्ज किया गया. ऐसे में ये आपके हर 24 घंटे में लिए गए सांस पर कितना असर डाल रहा है, ये जानकर आपकी हालत खराब हो जाएगी.

दिल्ली-एनसीआर में अलीपुर, आनंद विहार, बवाना, नरेला, पूसा और सोनिया विहार जैसे कुछ स्थानों पर AQI 500 अंक को पार कर गया. इंडियन एक्सप्रेसकी रिपोर्ट के मुताबिक, इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि एक औसत व्यक्ति हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आता है जो प्रतिदिन 49-50 सिगरेट पीने के बराबर है.

फेफड़ों में जहरीली हवा

उन्होंने आगे बताया कि कण और गैसें फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश करती हैं और रक्त प्रवाह में प्रवेश करती हैं, जिससे आगे चलकर श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि यह समय के साथ फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाने के साथ सूजन भी दे सकता है.

जहरीली हवा का शरीर पर असर-

ऐसे वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से लोग PM2.5, PM10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), और ओजोन (O₃) सहित गैसों और कणों के जहरीले कॉकटेल से काफी संवेदनशील हो जाते हैं. सर्दियों के महीनों के दौरान स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब मौसम की स्थिति प्रदूषकों को जमीन के करीब फंसा देती है, जिससे खतरनाक हवा बन जाती है जो स्वस्थ व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकती है.

क्या प्रदूषण घर के अंदर के जीवन को भी प्रभावित करती है?

घर के अंदर का प्रदूषण अक्सर बाहरी वायु गुणवत्ता से प्रभावित होता है. सामान्य इनडोर प्रदूषकों में घरेलू उत्पादों से निकलने वाले वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOCs), खाना पकाने या गर्म करने से निकलने वाला धुआं और बाहर से आने वाले कण शामिल हैं.

इसके अलावा उच्च बाहरी प्रदूषण की अवधि के दौरान लोग खिड़कियां बंद रखते हैं, जिससे प्रदूषक घर के अंदर ही फंस सकते हैं. एयर प्यूरीफायर और वेंटिलेशन जैसे प्रभावी उपाय, बाहरी प्रदूषण के कारण घर के अंदर बिगड़ती वायु गुणवत्ता को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय हैं.

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