BJP-कांग्रेस के साथ त्रिकोणीय मुकाबला कैसे जीतेगी AAP? पिछले नतीजों और वोट शेयर पर एक नजर
Delhi Election 2025: भाजपा, कांग्रेस और आप के उम्मीदवार प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मैदान में हैं. इसमें नई दिल्ली सीट भी शामिल है. इस सीट से आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.;
Delhi Election 2025: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए फरवरी 2025 में चुनाव होने हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (INC) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पर जीत के लिए सभी पार्टियों के बीच होड़ मची है.
नई दिल्ली सीट 2015 से राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गढ़ रही है, 1998 से 2013 तक कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने इस सीट पर कब्ज़ा किया. 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी, जब 'आप' एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरी और सरकार बनाई. अरविंद केजरीवाल ने 28 दिसंबर, 2013 को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
एक दशक से दिल्ली की सत्ता पर 'आप'
2014 में केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दी थी. हालांकि, 2015 में दिल्ली विधानसभा के नए चुनाव होने के बाद आप सुप्रीमो फिर से सत्ता में आ गए. केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतीं, जिससे भाजपा 3 और कांग्रेस 0 पर सिमट गई. कांग्रेस के इसी परफॉर्मेंस ने आप से उसकी दूरियां बढ़ा दी है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020
अरविंद केजरीवाल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ सत्ता में वापस आए क्योंकि पार्टी ने 70 सदस्यीय सदन में 62 सीटें जीतीं. पार्टी 2015 के अपने शानदार प्रदर्शन से सिर्फ पांच सीटों और वोट शेयर में एक प्रतिशत से भी कम की गिरावट के साथ सत्ता में वापस आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गजों की रैलियों के बावजूद, भाजपा सिर्फ आठ सीटें ही जीत पाई. हालांकि, ये आंकड़ा 2015 की तुलना में पांच ज्यादा है. कांग्रेस बुरी तरह विफल रही, 2015 के चुनाव में मिली करारी हार के बाद वह फिर से अपना खाता भी नहीं खोल पाई.
पिछले दिल्ली चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर
'आप' को 53.57 प्रतिशत वोट मिले, जबकि भाजपा को 38.5 प्रतिशत और कांग्रेस को 4.3 प्रतिशत वोट मिले. 2013 में अपने पहले चुनाव के बाद से आप का वोट शेयर लगातार बढ़ता रहा, लेकिन पिछले एक दशक में कांग्रेस को वोट देने वालों की संख्या में काफी कमी आई है.
2013 में जब आप को कुल डाले गए मतों में से 29 प्रतिशत वोट मिले थे और 70 में से 28 सीटें जीती थीं, आप ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई थी और देश की सबसे पुरानी पार्टी को 24.5 प्रतिशत वोट और मात्र आठ सीटों के साथ तीसरे स्थान पर धकेल दिया था.
इसके बाद 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट शेयर गिर गया. 2015 में 9.7 प्रतिशत और 2020 में 4.3 प्रतिशत तक की कमी आई, जबकि आप ने 2015 में 4.6 प्रतिशत और 2020 में 53.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भारी जनादेश हासिल किया.
'आप' के लिए कितना आसान होगा 2025 का चुनाव
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में स्पष्ट किया कि पार्टी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, जिससे विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक को झटका लगा है. 21 नवंबर को AAP ने चुनावों के लिए 11 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की. हालांकि, इस बार आप के लिए अकेले लड़ना आसान नहीं होगा. पार्टी पहले से ही कई आरोपों का सामना कर रही है. ऐसे जनता के बीच एक फिर से इमेज को बदल पाना एक चुनौती होगी. इस बीजेपी अपने पहले दावे से मजबूत नजर आ रही है.