अब जल्दी मिलेगा न्याय, 7 दिन में मिल रही डीएनए रिपोर्ट; पेंडिंग केस हुआ जीरो
किसी भी गंभीर अपराध से जुड़े मामलों में DNA सैंपल की जरूरत पढ़ती है. वहीं ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्य के फोरेंसिक लैब में गंभीर अपराध से जुड़े मामलों के रोजाना औसतन 15 से 20 डीएनए संकलित किए जा रहे हैं.;
किसी भी गंभीर अपराध जैसे हत्या, आत्महत्या जैसे मामलों को जांचने में DNA टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ती है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में फोरेंसिक लैब में गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में रोजाना एवरेज 15 से 20 डीएनए लिए जा रहे हैं. वहीं सिस्टम तेजी से अपडेट हो रहा है. इस कारण डीएनए का एक भी मामला पेंडिंग नहीं है.
वहीं इस पर राज्य अधिकारियों की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने वर्तमान में ही ईडी, ईओडब्ल्यू, सीबीआइ द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों से जुड़े इलेक्ट्रिक डिवाइस की भी जांच की थी.
जल्द सुलझ रहे मामले
दरअसल इन रिपोर्ट्स के जल्द मिल जाने के कारण पुलिस को काफी मदद मिल रही है. पुलिस को गंभीर अपराध को सुलझाने में अधिक समय नहीं लग रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकी डीएनए जांच करने का सिस्टम जल्द से जल्द अपडेट हो रहा है. इसी कड़ी में पेंड्रा में भी रेप और हत्या मामले में डीएनए सैंपल के आधार पर आरोपी की पहचान की गई थी. ऐसा तभी हो पाया क्योंकी पुलिस अधिकारियों तक जांच रिपोर्ट जल्द सौंप दी गई थी. हालांकि इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था.
जांच के लिए भेजे गए लैपटॉप
वहीं इस दौरान जांच के लिए मोबाइल, लैपटॉप की हार्ड डिस्क भी फोरेंसिक में जांच के लिए भेजी गई थी. इसकी रिपोर्ट एजेंसियों तक जल्द से जल्द सौंपी गई और इसी तरह भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में अधिकारियों को मदद मिली और आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है .
DNA से हुई पहचान
वहीं बेमतेरा, बेरला स्थित बारूद फैक्ट्री में इस साल मई में हुए ब्लास्ट में आधा दर्जन से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई थी. इस विस्फोट में कई मजदूरों की जान चली गई थी. हालांकि कई मजदूर ऐसे थे जिनकी पहचान नहीं हो पा रही थी. वहीं इसके बाद फोरेंसिक लैब की ओर से DNA टेस्ट किया गया. जिसके बाद कई मजदूरों की पहचान की जा सकी.