छत्तीसगढ़ NAN घोटाले में 2 रिटायर्ड IAS और AG पर केस दर्ज, Whatsapp चैट ने खोले राज़
एनएएन (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला एक बड़ा फाइनेंशियल स्कैम था, जिसमें चावल मिल मालिकों और एजेंटों ने राज्य की पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के माध्यम से घटिया चावल के वितरण की अनुमति देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने सोमवार को दो आईएएस अधिकारियों और राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.;
छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (EOW, Economic Offence Wing) ने सोमवार को दो आईएएस अधिकारियों और राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. यह आरोप है कि इन अधिकारियों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया और 2015 के नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) मामले में चल रहे मुकदमे को प्रभावित करने की कोशिश. इन आरोपियों में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा शामिल हैं.
एनएएन (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला एक बड़ा फाइनेंशियल स्कैम था, जिसमें चावल मिल मालिकों और एजेंटों ने राज्य की पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के माध्यम से घटिया चावल के वितरण की अनुमति देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. इस मामले में करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई, और इसमें उच्च पदस्थ अधिकारियों की भूमिका होने के आरोप लगे.
आरोपियों के खिलाफ आरोप क्या हैं?
एनएएन घोटाले में चावल मिल मालिकों और एजेंटों द्वारा राज्य की पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के माध्यम से घटिया चावल के वितरण की अनुमति देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी. आरोप है कि इस घोटाले में हजारों करोड़ रुपये शामिल थे. व्हाट्सएप चैट का हवाला देते हुए ताजा एफआईआर के अनुसार, आरोप है कि शुक्ला और टुटेजा ने 2019-2023 के बीच कथित तौर पर अपने पदों का दुरुपयोग किया और तत्कालीन एजी वर्मा को अनुचित लाभ दिया ताकि वह जमानत हासिल करने में उनकी मदद करने के लिए उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल कर सकें.
इन तीनों अधिकारियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार प्रिवेंशन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) भी दर्ज की है, ताकि मनी लांड्रिंग से संबंधित पहलुओं की जांच की जा सके.
अभी तक आरोपियों का क्या कहना है?
मीडिया से बातचीत में, आलोक शुक्ला और सतीश चंद्र वर्मा ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की, यह कहते हुए कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. टुटेजा के वकील ने दावा किया कि टुटेजा निर्दोष हैं और उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत हैं.