शराब घोटाले के आरोप में सलाखों के पीछे चैतन्य बघेल, उसी बैरक में कभी बंद थे दादा-पिता, जानें तीन पीढ़ी का कनेक्शन
Liquor Scam: ED का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक कमाई की लेन-देन में प्रमुख भूमिका निभाई, जिसमें लगभग 16.7 करोड़ रुपये उनके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में खर्च की गई.;
Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फैमिली अभी कानून विवादों में फंसे हुए हैं. उनके बेटे चैतन्य बघेल राज्य के कथित शराब घोटाले के आरोप में जेल में हैं. रायपुर की विशेष अदालत ने चैतन्य को ईडी की कस्टडी में भेजा है. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हुई थी.
जानकारी के अनुसार, शनिवार 23 अगस्त को ईडी चैतन्य से इस घोटाले के बारे में पूछताछ करने वाली है. जिस बैरक में उन्हें रखा गया है, वहां बघेल की तीन पीढ़ियों का कनेक्शन है. इसी बैरक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रहे, बल्कि पहले उनके पिता नंद कुमार बघेल भी थे और अब उनका बेटा चैतन्य बघेल भी.
तीन पीढ़ियों से जुड़ी बैरक की कहानी
रायपुर केंद्रीय जेल की एक बैरक राजनीतिक चर्चा का विषय बन गई है. एक ही बैरक में दादा, पिता और पोते का होना सबको हैरान कर दे रहा है. 2021 में भूपेश बघेल के पिता और चैतन्य के दादा नंद कुमार बघेल एक विवाद में बैरक में बंद हुए थे. उन्हें आगरा में उनकी पुस्तक 'ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो' के कारण गिरफ्तार किया गया था
कथित सेक्स सीडी विवाद के दौरान 2017 में कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को गिरफ्तार किया गया. उस समय वे भी वहीं जेल बैरक में थे, जिसमें अब उनका बेटा है. बता दें कि चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को ED ने गिरफ्तार किया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं.
चैतन्य बघेल पर क्या है आरोप?
छत्तीसगढ़ में 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का खुलासा हुआ. ED का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक कमाई की लेन-देन में प्रमुख भूमिका निभाई, जिसमें लगभग 16.7 करोड़ रुपये उनके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में खर्च की गई. आरोप है कि उसने त्रिलोक सिंह ढिल्लों नाम के स्थानीय व्यापारी के सहयोग से नकद भुगतान और बैंकिंग ट्रेल का इस्तेमाल कर 5 करोड़ रुपये की रकम फ्लैट्स के जरिए उड़ाई गई.
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में कथित 2,100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं. ED का दावा है कि राज्य में 2019 से 2022 के बीच एक शराब नेटवर्क चलाया गया, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हुई. जांच में सामने आया कि इस घोटाले से निकले 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक कमाई का प्रबंधन भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने किया.
यह पैसा शराब सिंडिकेट से आया हुआ था और इसे वैध दिखाने के लिए जमीन और फ्लैट खरीद जैसे सौदों में लगाया गया. यही वजह है कि चैतन्य बघेल पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़ी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.