ED को सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी, कहा- 'यह व्यवहार आतंकवादियों के साथ भी नहीं किया जाता'
टुटेजा की गिरफ्तारी उस समय हुई थी जब उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के समक्ष पेश होकर पूछताछ में हिस्सा लिया था. उन्हें ईडी का पहला समन तब मिला जब वह एसीबी कार्यालय में मौजूद थे.2003 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिहाई की मांग की है.;
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाई, जिसमें आरोप था कि वह आरोपियों को कम समय में समन भेजकर, उनसे रातभर पूछताछ कर अगली सुबह उनकी गिरफ्तारी कर लेते है. कोर्ट ने कहा कि यह व्यवहार आतंकवादियों और खतरनाक अपराधियों के साथ भी नहीं किया जाता. यह ईडी की गिरफ्तारी के प्रक्रिया और पूछताछ के तरीके पर गंभीर संदेह उत्पन्न करता है, जो असंवैधानिक हो सकते हैं.
न्यायमूर्ति अभय एस ओका की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, "यह अक्षम्य है और ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. रातभर किसी से पूछताछ करना और अगले दिन उसे गिरफ्तार करना पूरी तरह गलत है." अदालत छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें अप्रैल 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था.
ईडी की कार्यशैली पर सवाल
टुटेजा की गिरफ्तारी उस समय हुई थी जब उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के समक्ष पेश होकर पूछताछ में हिस्सा लिया था. उन्हें ईडी का पहला समन तब मिला जब वह एसीबी कार्यालय में मौजूद थे. इस समन में उन्हें 12 बजे पेश होने का निर्देश दिया गया, जबकि उन्हें यह समन दोपहर 12:30 बजे मिला. इसके बाद, ईडी अधिकारियों ने उन्हें एसीबी कार्यालय से ले जाकर रातभर पूछताछ की और सुबह गिरफ्तार कर लिया.
न्यायमूर्ति ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाई बिल्कुल सही नही है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, "जब आपको पता है कि एसीबी पहले से पूछताछ कर रही है, तो इतनी जल्दी किस बात की थी?" कोर्ट ने ईडी से समन की टाइमिंग और एसीबी कार्यालय में रहते हुए समन भेजने की वजहों का स्पष्टीकरण मांगा.
अनिल टुटेजा की याचिका
2003 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिहाई की मांग की है. उनके वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में दलील दी कि यह हैरानी की बात है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा दाखिल की गई अभियोजन शिकायत को खारिज कर दिया था, तो फिर भी इस तरह की गिरफ्तारी की गई. अदालत ने ईडी से यह भी पूछा कि टुटेजा के एसीबी कार्यालय में मौजूद होने की जानकारी उन्हें कैसे मिली.
पीठ ने कहा- "जब आपको पता है कि एसीबी उनसे पूछताछ कर रही है, तो इतनी जल्दी क्यों थी. हम हर रोज सवाल करते हैं कि पीएमएलए का अनुपालन कैसे किया जा रहा है. अब हम ऐसी गिरफ्तारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से समन की टाइमिंग और एसीबी कार्यालय में रहने के दौरान टुटेजा को समन भेजने की वजहों के बारे में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा अदालत ने ईडी से उस स्रोत के बारे में बताने को कहा जिसने टुटेजा के एसीबी दफ्तर में मौजूद होने की सूचना दी थी."