प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल से लेकर वैनिटी वैन तक! जानिए BPSC प्रोटेस्ट में अब तक क्या-क्या?
BPSC row: पटना गांधी मैदान में किशोर के साथ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है, लेकिन परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की उनकी मांग पर नीतीश सरकार की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.;
BPSC row: बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में कथित लीक से शुरू हुआ विवाद पिछले महीने से प्रोटेस्ट का रुप ले चुका है. इस आंदोलन में छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाई गई. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्य की राजनीति में गर्माहट बढ़ गई है. वहीं छात्रों का आरोप है कि प्रोटेस्ट के सेंटर बन चुके जन सुराज पार्टी (JSP) सुप्रीमों प्रशांत किशोर भी अपनी पार्टी जनसूराज के लिए राजनीतिक रोटी सेंकने में लग गए हैं.
प्रशांत किशोर ने कहा, 'जो व्यक्ति 20 साल से लोगों की बात नहीं सुनता रहा, वह 4 दिन में लोगों के सामने कैसे सरेंडर कर देगा. जब तक बिहार की जनता नहीं जागेगी, तब तक कोई सुधार नहीं होगा. इन लोगों को समझना होगा कि जनता की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं है. यह तभी होगा जब लोग जागेंगे और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आगे आएंगे. लोगों को धर्म, जाति और मुफ्तखोरी से परे सोचना शुरू करना होगा और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के बारे में सोचना शुरू करना होगा.'
BPSC प्रोटेस्ट से जुड़े 10 UPDATE
- प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हैं. प्रशांत किशोर अनशन कर रहे जगह पर वैनिटी वैन और उसमें प्रशांत किशोर के जाते-आते वीडियो वायरल होने के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है.
- आरजेडी समेत कई दल उन्हें आंदोलकारी नहीं बल्कि सुविधाभोगी बताकर हमला कर रहे हैं. वहीं जन सुराज ने सफाई देते हुए कहा कि अनशनकारियों के लिए वाश-रूम के उद्देश्य से वैनिटी वैन है.
- प्रशांत किशोर ने सरकार को इस मामले को सुलझाने के लिए 48 घंटे की समयसीमा तय की. उनके खिलाफ अब तक दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.
- छात्र प्रशांत किशोर के साथ गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं, उनकी मांगों पर सरकार या बीपीएससी की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
- प्रशांत किशोर ने कहा, 'यह छात्रों और सीएम नीतीश कुमार के बीच का मामला है. मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि छात्रों को पीटा गया। मैं विरोध प्रदर्शनों में ज्यादा विश्वास नहीं रखता. मैं संवाद में विश्वास रखता हूं.'
- 29 दिसंबर से ही गांधी मैदान में 15,000 से ज़्यादा छात्र जमा हुए. प्रशांत किशोर और छात्र प्रदर्शनकारियों को सीएम से मिलने के लिए जाने से पहले ही रोक दिया गया.
- पुलिस ने 25 दिसंबर छात्रों पर फिर से लाठीचार्ज किया. एक दर्जन से ज़्यादा छात्रों को मामूली चोटें आईं. प्रदर्शनकारी छात्रा खुशबू कुमारी ने आरोप लगाया कि उसे पुरुष पुलिसकर्मियों ने पीटा और महिला पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थीं.
- लाठीचार्ज की शाम प्रशांत किशोर गर्दनीबाग में प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. फिर उन्होंने सभी छात्रों से 27 दिसंबर को एक बैठक के लिए आह्वान किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए गांधी मैदान से मार्च निकालने का फ़ैसला किया.
- बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र सोनू कुमार ने 24 दिसंबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. हालांकि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन सोनू के परिवार ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा नौकरी पाने के लिए बेताब था और बहुत दबाव में था. उसकी मौत ने छात्रों के आंदोलन को और हवा दे दी.
- छात्रों ने 18 दिसंबर को पटना में दो जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें परीक्षा की दोबारा जांच और पटना केंद्र पर शुरुआती विरोध प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने की मांग की गई. विरोध प्रदर्शन जारी रहा, हालांकि यह छोटे पैमाने पर किया गया.