Chhath Puja 2024: पानी, गाद और दलदल, छठ से पहले कैसे होगी घाटों की सफाई, कौन से घाट पूजा के लिए होंगे बेहतरीन?
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का त्योहार आने में बस 22 दिन बचे हैं और बिहार एक बार फिर इसे धूमधाम से मनाने के लिए तैयार है. छठ पूजा की तैयारी प्रशासनिक तौर पर शुरु हो गई है, लेकिन इस बार प्रशासन को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.;
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का त्योहार बस कुछ ही दिनों में आने वाला है, ऐसे में बिहार में छठ पूजा की तैयारी प्रशासनिक तौर पर शुरू हो गई है, लेकिन इस बार प्रशासन को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी पटना में घाटों पर ज्यादा गाद होने की वजह से घाटों की सफाई और घाट तक जाने वाले रास्ते को तैयार करना मुश्किल होगा. कलेक्ट्रेट घाट जाने के लिए अभी बहुत सी जगह पर पानी भरा हुआ है और दलदल भी ज्यादा है. ऐसे में संपर्क पथ बनाना पहले के मुकाबले बेहद ही मुश्किल है. इस साल बरसात में दो बार गंगा का पानी खतरे के निशान के ऊपर आ गया था. दियारा और गंगा के पास के इलाके बहुत दिन तक बाढ़ की चपेट में रहे.
कलेक्ट्रेट घाट, एलसीसी घाट, कालीघाट, बांसघाट, एनआईटी घाट, पत्थर घाट, लोहरवा घाट, गुलाबी घाट, बरहवा घाट पर अभी भी काफी पानी और गाद है. घाटों के किनारे गाद होने की वजह से दलदल है. छठ पूजा का त्योहार आने में अभी बस 22 दिन ही बचे हैं और अभी तक घाट की सफाई शुरू नहीं हुई है, क्योंकि गंगा के पानी के लेवल में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में गाद की समस्या और बढ़ेगी. बैरिकेडिंग भी नदी के पानी के हिसाब से होगा.
इन घाटों पर पूजा होना मुश्किल
निगम ने उन एजेंसियों का चयन कर लिया है जो घाटों की सफाई और पूजा की व्यवस्था करेंगे. गंगा नदी के पास रहने वालों का कहना है कि इस बार घाटों की तैयारी करना बेहद ही मुश्किल होगा. बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रूघाट परतो पथ बनाने बहुत मुश्किल है. अगर नदी के पानी का लेवल गिरता रहा तो गाद की समस्या बनी रहेगी, जिसकी वजह से इस बार भी कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाटों पर छठ पूजा होना मुश्किल है.
दीघा पाटीपुल घाट का इलाका बेहतरीन
इस बार छठ पूजा पर दीघा का इलाका अच्छा होगा. हालांकि दीघा पाटीपुल घाट पर भी गाद की समस्या है लेकिन अधिकारियों के मुताबिक घाट तक पहुंचने के लिए संपर्क पथ आसानी से बन जाएगा. बाढ़ की वजह से जेपी गंगा पथ के अंडरपास में भी पानी भर गया था, लेकिन अब निकल गया है. अंडरपास से रास्ता बनाने का काम 1-2 दिन में शुरु हो जाएगा. आपको बता दें कि बिंदटोली और पर्यटन घाट की स्थिती भी यही है. यहां पर भी गंगा के पानी का लेवल ज्यादा होने की वजह से गाद हो गया था, लेकिन 20 दिनों में यहां के हालात ठीक हो जाएंगे. इसीलिए छठ पूजा के लिए यह घाट सबसे अच्छी होगी. जेपी सेतु घाट पर इस बार भी इंतजाम करना मुश्किल है. यह घाट ज्यादा खड़ा है और इस पर व्रंतियों को उतरने में परेशानी होगी. अधिकारियों का कहना है कि यह घाट खतरनाक हो सकती है.