‘गोल्डन गर्ल’ मनु भाकर की अब गोल्ड पर नजर, लॉस एंजिल्स में इतिहास रचने की चाहत

Manu Bhaker : पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली भारती की निशानेबाद मनु भाकर का अगला लक्ष्य लॉस एंजलिस में इतिहास रचना है. वह चाहती हैं कि अगले ओलंपिक खेल में वह देश के लिए गोल्ड जीतें.;

Manu Bhaker

Manu Bhaker : भारतीय निशानेबाज़ मनु भाकर ने हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करके इतिहास में अपना नाम दर्ज किया था. महिलाओं और मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धाओं में दो कांस्य पदक जीतकर उन्होंने निशानेबाजी की दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत की. हालाँकि, भाकर की नज़रें पहले से ही एक और बड़े पुरस्कार पर टिकी हैं. 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में वह गोल्ड जीतने चाहती हैं.

पेरिस ओलंपिक में गदर काटने के बाद मनु भाकर अगले ओलंपिक की तैयरियों में जुट गई हैं. अब उनका अगला लक्ष्य देश को गोल्ड मेडल दिलाना है.

टीमवर्क से बनती है बात

भाकर, अपनी पेरिस यात्रा पर विचार करते हुए, टीमवर्क के महत्व को स्वीकार करती हैं. वह अपने कोच जसपाल राणा को अपने करियर के दौरान उनके अटूट प्रोत्साहन और मार्गदर्शन का श्रेय देती हैं. राणा, जो खुद एक पूर्व ओलंपियन हैं, ने भाकर के कौशल को आकार देने और उनके लचीलेपन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके परिवार का अटूट विश्वास भी उनके समर्थन का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है.

मनु ने कहा कि ओलंपिक तक का उनका सफ़र एक टीम प्रयास था और वह अपने कोच जसपाल राणा के बिना सफल नहीं हो पातीं. भारतीय निशानेबाज़ ने कहा कि राणा के निरंतर प्रोत्साहन और उनके परिवार के समर्थन ने उन्हें प्रेरित और स्थिर रखा.

"शूटिंग की 'गोल्डन गर्ल' कहलाना अच्छा लगता है" 

जबकि कांस्य पदक भाकर की प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण है, उनकी महत्वाकांक्षा इस उपलब्धि से कहीं आगे तक जाती है. अब हर प्रशिक्षण सत्र लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए तैयार है. भाकर अपनी सटीकता और फोकस को लगातार निखारने की जरूरत को पहचानती हैं.

मनु ने कहा, "शूटिंग की 'गोल्डन गर्ल' कहलाना अच्छा लगता है है. मेरी निगाहें लॉस एंजिल्स ओलंपिक में निशाना साधने पर टिकी हैं. मेरे प्रशिक्षण का हर चरण मेरी सटीकता और फोकस को निखारने पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य स्वर्ण पदक हासिल करना है. मैं जहां यात्रा और कड़ी मेहनत पर ध्यान केंद्रित करती हूं, वहीं पोडियम पर खड़े होकर भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना मुझे प्रेरित और प्रेरित करता रहता है."

सफलता में कोच का योगदान

भाकर और राणा के बीच का रिश्ता आम कोच-छात्र के रिश्ते से कहीं बढ़कर है. खेल के लिए उनका साझा जुनून और भाकर की क्षमता में राणा का अटूट विश्वास एक मजबूत बंधन को बढ़ावा देता है. यह सहयोगी दृष्टिकोण, भाकर के अटूट दृढ़ संकल्प के साथ मिलकर, युवा निशानेबाज के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का वादा करता है.

गोल्ड की तलाश

लॉस एंजिल्स की राह निस्संदेह चुनौतीपूर्ण होगी. हालांकि, अपनी महत्वाकांक्षा से प्रेरित और अपनी टीम के समर्थन से भाकर बाधाओं को पार करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं. उनका समर्पण और राणा का अनुभव एक शक्तिशाली संयोजन प्रस्तुत करता है जो उन्हें ओलंपिक पोडियम के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचा सकता है. भारतीय निशानेबाजी बिरादरी और वास्तव में, पूरा देश, भाकर की यात्रा को उत्सुकता से देख रहा होगा क्योंकि वह 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का प्रयास कर रही है.

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