हार्दिक पांड्या की धमाकेदार वापसी पर आकाश चोपड़ा ने की तारीफ

Hardik Pandya : हार्दिक पांड्या का यह आत्मविश्वास और उनका बेहतरीन प्रदर्शन भारत की बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज जीत में एक अहम फैक्टर रहा. चोपड़ा के अनुसार, हार्दिक पांड्या ने न केवल खुद को साबित किया बल्कि यह दिखाया कि वो भारत की टीम के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.;

Hardik Pandya and Sanju Samson

Hardik Pandya : पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भारत-बांग्लादेश T20I सीरीज में हार्दिक पांड्या के शानदार प्रदर्शन की जमकर तारीफ की है. अपने यूट्यूब चैनल पर चोपड़ा ने पांड्या के खेल और उनके मुश्किल दौर से उबरकर की गई वापसी को सराहा. उन्होंने पांड्या की बल्लेबाजी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका प्रदर्शन भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाला साबित हुआ.

हैदराबाद में धमाकेदार पारी सीरीज के तीसरे T20I मैच में, जो हैदराबाद में खेला गया था, हार्दिक पांड्या ने 18 गेंदों में 47 रनों की पारी खेलकर भारत को 133 रनों की विशाल जीत दिलाई. उनकी इस पारी में आक्रामकता और तेजी साफ झलक रही थी, जिसने विरोधी टीम के गेंदबाजों को पस्त कर दिया.

पांड्या का स्ट्राइक रेट २०० के पार

चोपड़ा ने पांड्या की आक्रामक बल्लेबाजी की चर्चा करते हुए कहा, "उन्होंने पूरे सीरीज में कम गेंदें खेली हैं, लेकिन हर बार उनका स्ट्राइक रेट 200 से ऊपर रहा. उनका प्रदर्शन वाकई शानदार था." पांड्या ने न सिर्फ हैदराबाद में, बल्कि सीरीज के बाकी मैचों में भी अपनी जबरदस्त फॉर्म दिखाई.

ग्वालियर और दिल्ली में लगातार रन बरसाए सीरीज के पहले T20I मैच में, जो ग्वालियर में खेला गया था, पांड्या ने 16 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाए थे. इसके बाद दिल्ली में हुए दूसरे मैच में उन्होंने 19 गेंदों पर 32 रन बनाए. हर मैच में उनका आत्मविश्वास और खेल की शैली देखने लायक थी, जिसने दर्शकों और विशेषज्ञों को खासा प्रभावित किया.

"उनका स्वैग कुछ अलग है" 

चोपड़ा ने पांड्या की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा, "उनका स्वैग कुछ अलग है. जैसे वो गेंदबाजों को चुनौती दे रहे हों. उन्होंने कवर के ऊपर से छक्का मारा और एक हाथ से लेग साइड पर बिना देखे छक्का जड़ा. वो अलग अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं."

गेंदबाजों पर हावी बल्लेबाजी आकाश चोपड़ा ने पांड्या की बल्लेबाजी शैली की तुलना 'गुंडागर्दी' से करते हुए कहा कि पांड्या ने जैसे गेंदबाजों को कोई अहमियत ही नहीं दी. "यह मानो गेंदबाजों का अपमान था, जैसे उनका कोई दर्जा ही नहीं हो."

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