शिवलिंग पर हल्दी क्यों नहीं चढ़ाई जाती? जानिए इसके पीछे की धार्मिक वजह!
भगवान शिव (Lord Shiva) को देवों का देव और संहारक माना जाता है. हिंदू धर्म में उनकी पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान है, क्योंकि वे भोलेनाथ हैं, और थोड़ी सी भक्ति से ही वे अपने भक्तों से खुश हो जाते हैं.;
Lord Shiva: भगवान शिव (Lord Shiva) को देवों का देव और संहारक माना जाता है. हिंदू धर्म में उनकी पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान है, क्योंकि वे भोलेनाथ हैं, और थोड़ी सी भक्ति से ही वे अपने भक्तों से खुश हो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग (Shivling) पर हल्दी चढ़ाने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं? आइए, जानते हैं इसके पीछे की वजह.
शास्त्रों में क्या लिखा है?
शास्त्रों में शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना गया है, जबकि हल्दी का इस्तेमाल आमतौर पर महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधनों में होता है. इस कारण से शिवलिंग पर हल्दी का चढ़ाना उचित नहीं माना गया है. हल्दी की तासीर गर्म होती है, और शिवलिंग पर सिर्फ ठंढी वस्तुएं चढ़ाने की परंपरा है. शिव को बेलपत्र, भांग, गंगाजल, चंदन और ठंडा दूध अर्पित किया जाता है, ताकि वे शीतलता का अनुभव करें.
शिवलिंग पर हल्दी
हालांकि, शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने की मनाही है, लेकिन जलधारी (जो भगवान शिव और मां पार्वती का मिलाजुला प्रतीक है) पर हल्दी चढ़ाई जा सकती है. मान्यता है कि जलधारी के माध्यम से मां पार्वती को प्रसन्न किया जाता है. शिवलिंग के ऊपर हल्दी चढ़ाने से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन जलधारी पर हल्दी अर्पित करने से कोई निषेध नहीं है.
भगवान शिव की पूजा में सही विधि और सामग्री का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है. जहां अन्य देवताओं की पूजा में हल्दी का उपयोग शुभ माना जाता है, वहीं भगवान शिव के लिए ठंढी वस्तुओं का अर्पण अधिक उपयुक्त है. अगर आप चाहते हैं कि आपकी पूजा सफल हो और भोलेनाथ प्रसन्न हों, तो इन शास्त्रों की बातों का पालन करें.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.