शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या फर्क है? इस महाशिवरात्रि से पहले जान लीजिए

भगवान शिव के प्रकाश और अनंत ऊर्जा के रूप में देखा जाता है. ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए हजारों भक्त हर वर्ष इन स्थानों पर यात्रा करते हैं. इन स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में पवित्र माना जाता है.;

Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 20 Feb 2025 7:18 AM IST

शिवलिंग हिंदू धर्म में भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाने वाली एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतिक है. यह शिव के निराकार रूप को दर्शाने वाला प्रतीक है और उनकी शक्ति, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के गुणों का समावेश करता है. शिवलिंग की पूजा बहुत प्राचीन समय से की जा रही है और यह भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम मानी जाती है.

लेकिन जब बात आती है ज्योतिर्लिंग कि तो हम सबके मन में यह सवाल जरूर आता है आखिर दोनों में फर्क क्या है. ज्योतिर्लिंगों को भगवान शिव के दिव्य और निराकार रूपों का प्रतीक माना जाता है. इन्हें भगवान शिव के प्रकाश और अनंत ऊर्जा के रूप में देखा जाता है. ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए हजारों भक्त हर वर्ष इन स्थानों पर यात्रा करते हैं. इन स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में पवित्र माना जाता है. 

क्या है अंतर 

सबसे पहले बात करते हैं शिवलिंग कि इसे कहीं भी स्थापित किया जा सकता है, जैसे घर, मंदिर आदि. वहीं ज्योतिर्लिंग विशेष स्थानों पर होते हैं, जिन्हें सिद्ध स्थल माना जाता है और इनके दर्शन का विशेष महत्व होता है. ज्योतिर्लिंग खासतौर से एक प्राचीन इतिहास रखते हैं. इसके अलावा शिवलिंग बेल पत्र, धतूरा, जल, फूल, दूध इत्यादि चढ़ाते हैं. इन 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा में विशेष मंत्रों का जाप और रुद्राभिषेक किया जाता है. विशेष रूप से 'ॐ नमः शिवाय' और 'महामृत्युञ्जय मंत्र' का जाप किया जाता है, जो शिव के आशीर्वाद के लिए अत्यधिक प्रभावी माने जाते हैं.

शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग का अर्थ

बता दें कि शिवलिंग के पीछे भी एक बड़ा अर्थ है जो इसे नहीं जानते वह यह जान लें. लिंग का अर्थ है प्रतिक या आधार और शिवलिंग भगवान शिव का प्रतिक है. वहीं ज्योतिर्लिंग का अर्थ है ज्योति या प्रकाश जिसका साफ शब्दों में मतलब है वह स्थान जहां भगवान शिव का प्रकाश रूप प्रकट हुआ था. 

12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग

12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 प्रमुख रूपों को दर्शाने वाले पवित्र स्थान हैं. इन स्थानों पर शिव के दिव्य रूप का पूजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रत्येक ज्योतिर्लिंग का अपना धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है. ये 12 ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं. सोमनाथ (गुजरात),मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), महाकालेश्वर (उज्जैन, मध्य प्रदेश), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), काशी विश्वनाथ (वाराणसी, उत्तर प्रदेश), रामेश्वर (तमिलनाडु), नागेश्वर (गुजरात), विश्वेश्वर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश), त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र), आधि ज्योतिर्लिंग (अहमदाबाद, गुजरात). 

Similar News