Vastu Shastra में क्या है सोने का नियम? ये आदतें बदल सकती हैं जीवन की ऊर्जा और सुख-शांति
वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने की दिशा, पलंग की स्थिति, रंग, आदतें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग व्यक्ति के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है. दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोना दीर्घायु और स्थिरता प्रदान करता है, जबकि उत्तर दिशा से रक्त संचार बिगड़ सकता है. शयनकक्ष में हल्के रंग, साफ-सफाई और तकनीकी वस्तुओं से दूरी मानसिक शांति लाती है.;
वास्तु शास्त्र जीवन को संतुलित और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाने की प्रणाली है. सोने की दिशा, समय और आदतें व्यक्ति के स्वास्थ्य, मानसिक शांति और पारिवारिक सौहार्द को प्रभावित करती हैं. वास्तु के अनुसार सोने के नियमों का पालन करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं.
वास्तु के अनुसार सोते समय सिर किस दिशा में है, इसका प्रभाव शरीर की ऊर्जा और मानसिक स्थिति पर पड़ता है. दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना सबसे उत्तम माना गया है. इससे दीर्घायु और स्थिरता प्राप्त होती है. पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या और मानसिक शांति में वृद्धि होती है. उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोना वर्जित है, क्योंकि इससे रक्त संचार बिगड़ता है और नींद में बाधा आती है.पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से अकारण ही चिंता बढ़ सकती है.
पलंग की स्थिति और प्रकार
पलंग हमेशा मजबूत लकड़ी का होना चाहिए और दीवार से कुछ दूरी पर रखा जाना चाहिए. पलंग के नीचे जगह खाली होनी चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो. पलंग के नीचे किसी प्रकार का सामान या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं रखने चाहिए.
शयनकक्ष की दिशा
पति-पत्नी के लिए शयनकक्ष वास्तु के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना श्रेष्ठ होता है. यह दिशा स्थायित्व और प्रेम बढ़ाने वाली होती है. पूर्वोत्तर दिशा में शयनकक्ष नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यह पूजा और ध्यान के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
सोने का समय और आदतें
रात्रि में समय पर सोना और प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में जागना न केवल वास्तु के अनुसार बल्कि आयुर्वेद के अनुसार भी लाभकारी है. देर रात तक मोबाइल या टीवी देखने की आदत नींद को बाधित करती है और मानसिक अशांति पैदा करती है.
आईना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी
शयनकक्ष में पलंग के ठीक सामने आइना नहीं होना चाहिए. इससे मानसिक तनाव और भय की स्थिति बन सकती है. कमरे में मोबाइल, लैपटॉप या टीवी जैसी वस्तुओं को सोने से पहले बंद करके दूर रखना चाहिए.
रंग और सजावट
शयनकक्ष में हल्के और शांत रंगों जैसे गुलाबी, नीला या क्रीम का प्रयोग करना चाहिए. ये रंग मानसिक संतुलन बनाए रखते हैं. बिस्तर हमेशा साफ और सुव्यवस्थित होना चाहिए. कमरे में देवी-देवताओं की तस्वीरों को न रखें.