Somvati Amavasya 2024: कब है साल का आखिरी सोमवती अमावस्या? जानें क्या करें और क्या न करें
साल की आखिरी सोमवती अमावस्या इस बार 30 दिसंबर को पड़ रही है. यह दिन पितरों की पूजा, स्नान और दान-पुण्य के लिए बेहद खास माना जाता है. सोमवार को अमावस्या पड़ने पर इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है.;
Somvati Amavasya 2024: साल की आखिरी सोमवती अमावस्या इस बार 30 दिसंबर को पड़ रही है. यह दिन पितरों की पूजा, स्नान और दान-पुण्य के लिए बेहद खास माना जाता है. सोमवार को अमावस्या पड़ने पर इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्यों से पितृ दोष और ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सोमवती अमावस्या का शुभ समय
30 दिसंबर को पौष अमावस्या की शुरुआत सुबह 4:01 बजे से होगी और यह 31 दिसंबर को सुबह 3:56 बजे तक रहेगी. इस दौरान स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है.
क्या करें सोमवती अमावस्या पर?
- पवित्र स्नान: यदि किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो, तो घर के स्नान जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
- दान-पुण्य: इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, अनाज या धन का दान करें.
- पितृ तर्पण: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करें.
- भगवान विष्णु की पूजा: मंदिर जाकर भगवान विष्णु की पूजा और भजन-कीर्तन करें.
क्या न करें सोमवती अमावस्या पर?
- मांसाहार और शराब से परहेज: इस दिन इनका सेवन अशुभ माना जाता है. ऐसे में मांसाहार और शराब से दूरी बनाएं.
- शुभ कार्य न करें: शादी या सगाई जैसे मांगलिक कार्य न करें. वरना कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
- मसूर और मूली से परहेज: इस दिन मसूर दाल, चना, सरसों का साग और मूली खाना वर्जित है. ऐसे में इन चीजों से दूरी बनाएं.
- अनादर न करें: बड़ों का सम्मान करें और सभी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करें.
इस सोमवती अमावस्या पर शुभ कार्यों का लाभ उठाएं और अपने जीवन से सभी दोषों को दूर करें. यह दिन पवित्रता और भक्ति के साथ बिताएं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.