Solar Eclipse 2024: गांधी जयंती के दिन साल का आखिरी सूर्यग्रहण? भारत में दिखेगा या नहीं, जानिए

Solar Eclipse 2024: 2 अक्टूबर 2024 को होने वाले इस सूर्यग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह एक अद्भुत खगोलीय घटना होगी. इस दौरान, विज्ञान और ज्योतिष के प्रेमी ऑनलाइन इस दृश्य का आनंद ले सकते हैं.;

Solar Eclipse 2024

Solar Eclipse 2024: 2 अक्टूबर 2024 को, जब पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा होगा, तब खगोलीय घटना के रूप में साल का आखिरी सूर्यग्रहण भी देखने को मिलेगा. इसे "रिंग ऑफ फायर" कहा जा रहा है, क्योंकि यह एक वार्षिक सूर्यग्रहण होगा. यह विशेष रूप से उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. हालांकि, भारत में यह सूर्यग्रहण आंशिक या पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देगा.

सूर्यग्रहण खगोलशास्त्र में एक अद्वितीय घटना मानी जाती है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, और पृथ्वी पर छाया डालता है. इस प्रकार के वार्षिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता, जिससे सूर्य का बाहरी किनारा एक "अग्नि की अंगूठी" के रूप में दिखता है. इसे "रिंग ऑफ फायर" कहा जाता है. यह सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को होगा, जो इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण होगा.

क्या भारत में दिखाई देगा सूर्यग्रहण?

यह सूर्यग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में देखा जा सकेगा. भारत में यह सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसे लाइव प्रसारण या इंटरनेट पर देखा जा सकता है. इसके पहले 8 अप्रैल 2024 को पूर्ण सूर्यग्रहण हुआ था, जिसे भी भारत में नहीं देखा जा सका था. हालांकि, खगोल विज्ञान प्रेमी इस घटना को ऑनलाइन देख सकते हैं.

सूर्यग्रहण से जुड़ी मान्यताएँ

भारत में सूर्यग्रहण से जुड़े कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ हैं. प्राचीन ग्रंथों में सूर्यग्रहण के समय विशेष धार्मिक क्रियाओं का महत्व बताया गया है. सूर्यग्रहण के समय लोग मंदिरों में पूजा-पाठ से दूर रहते हैं और मान्यता है कि इस समय भोजन और पानी का सेवन नहीं करना चाहिए. कुछ लोग इस समय ध्यान और साधना भी करते हैं.

रिंग ऑफ फायर का वैज्ञानिक महत्व

"रिंग ऑफ फायर" का खगोलीय महत्व भी विशेष है. यह तब होता है जब चंद्रमा का आकार सूर्य को पूरी तरह से ढकने के लिए पर्याप्त नहीं होता. इसलिए, सूर्य का किनारा एक चमकदार अंगूठी के रूप में दिखता है. यह नजारा खगोल विज्ञान के शोधकर्ताओं और सामान्य लोगों के लिए अत्यंत आकर्षक होता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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