गुलाल और पिचकारी की बौछार, मुबारक हो होली का त्‍योहार; जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Holi 2025: आज देश भर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है. चारों और लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते नजर आ रहे हैं. सुबह से ही बाजारों में पिचकारी और गुब्बारे खरीदने की भीड़ देखने को मिल रही है. होली के दिन सभी अपने गीले-शिकवे भूलकर एक हो जाते हैं और एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. साथ ही गले लगाकर गुजिया खिलाते हैं.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 14 March 2025 7:24 AM IST

Holi 2025: देश भर में गुरुवार 14 मार्च यानी आज हिन्दुओं के पवित्र त्योहार में से एक होली मनाई जा रही है. हर ओर लोग होली के रंग में डूबे नजर आ रहे हैं. हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली मनाई जाती है. सुबह से ही गली-मोहल्ले में बच्चों का शोर और होली के गाने सुनने को मिल रहे हैं. मस्ती से भरे इस त्योहार को सभी अपनी पुरानी दुश्मनी भूलकर साथ में सेलिब्रेट करते हैं. सोशल मीडिया पर होली सेलिब्रेशन के बहुत से वीडियो सामने आए हैं.

होली के दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनकर तैयार है. गुजिया और भांग के पकौड़े, मिठाइयों के साथ मेहमान का स्वागत किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दिग्गजों समेत बॉलीवुड सिलेबस ने देश वासियों को होली की शुभकामनाएं दी हैं.

प्रेम और दोस्ती का त्योहार

होली के दिन सभी अपने गीले-शिकवे भूलकर एक हो जाते हैं और एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. साथ ही गले लगाकर गुजिया खिलाते हैं. यह त्योहार प्रेम से जुड़ा हुआ है. जिसमें अध्यात्म की झलक भी देखने को मिलती है. विशेषकर ब्रज की राधा-कृष्ण की होली को याद करके लोग खुशी से झूम उठते हैं. अलग-अलग राज्यों में होली को लेकर अपने रीति-रिवाज भी हैं.

क्या है होली मनाने का महत्व?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वैदिक काल से ही होली का पर्व मनाया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन नए सवंत की शुरुआत होती है. चैत्र कृष्ण प्रतिपदा के दिन ही धरती पर प्रथम मनु का जन्म हुआ था. इसके अलावा इसी दिन कामदेव का भी जन्म हुआ था. इसे मनाने के लिए होली मनाई जाती है.

राधा-कृष्ण से जुड़ी कथा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होली का सबसे गहरा संबंध राधा-कृष्ण से जोड़ा जाता है. यह पर्व उनके प्यार का प्रतीक है. भगवान श्रीकृष्ण का रंग सांवला था और राधा रानी गोरी थीं. इसलिए कान्हा ने मैया यशोदा से इसकी शिकायत की कि मैया मैं काला क्यों हूं. मैया हर बार उन्हें समझाकर बात को टाल देती थीं, लेकिन एक बार वह नहीं मानें. फिर मां यशोदा ने कहा कि जो तुम्हारा रंग है वैसा ही रंग राधा के चेहरे पर लगा दो. इसके बाद कृष्ण ने फूलों से बना रंग राधा रानी के चेहरे पर लगा दिया, तभी से होली मनाई जाने लगी.

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