Pradosh Vrat 2024: नवंबर में कब होंगे प्रदोष व्रत? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस खास व्रत के चमत्कारी फायदे!

प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे भगवान शिव को समर्पित माना गया है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ रखने पर शिव की कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत शिव-पार्वती की आराधना का महत्वपूर्ण साधन है, जिससे सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.;

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे भगवान शिव को समर्पित माना गया है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ रखने पर शिव की कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत शिव-पार्वती की आराधना का महत्वपूर्ण साधन है, जिससे सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

प्रदोष व्रत के प्रकार और उनकी महत्ता

प्रदोष व्रत हर महीने दो बार पड़ता है और इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. सोमवार को पड़ने वाले व्रत को सोम प्रदोष, मंगलवार के व्रत को भौम प्रदोष और शनिवार को शनि प्रदोष कहा जाता है. हर दिन का अपना विशेष महत्व है और अलग-अलग प्रकार के प्रदोष व्रत शिव भक्तों द्वारा श्रद्धा से मनाए जाते हैं.

तिथियां और शुभ मुहूर्त

नवंबर माह में दो प्रदोष व्रत होंगे. पहला व्रत 13 नवंबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर और दूसरा 28 नवंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर होगा. 13 नवंबर को शुभ मुहूर्त शाम 5:52 से रात्रि 2:28 तक रहेगा, वहीं 28 नवंबर को प्रदोष काल में पूजा का शुभ समय सूर्यास्त के बाद 6:23 से रात्रि 8 बजे तक रहेगा.

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत की पूजा के लिए प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और शिवलिंग की स्थापना कर व्रत का संकल्प लें. शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक कर, बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करें. धूप-दीप जलाकर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और अंत में शिव जी की आरती कर खीर का प्रसाद चढ़ाएं.

प्रदोष व्रत के पालन के नियम

व्रत के दिन फलाहार करना चाहिए और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. पूजा के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें और शिव जी का ध्यान करते रहें. शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लेकर इसे विधिपूर्वक करें.

प्रदोष व्रत के लाभ

प्रदोष व्रत से शिव कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत व्यक्ति के जीवन से सभी कष्टों को दूर कर परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि लाता है. व्रत से मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और साहस मिलता है.


डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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