दुर्गा अष्टमी के दिन जरूर करें ये खास नियमों का पालन, नहीं तो नाराज हो सकती हैं मां दुर्गा!
दुर्गा अष्टमी पर कुछ खास नियमों का पालन जरूरी माना गया है, जिन्हें न मानने पर मां भगवती की कृपा से वंचित भी होना पड़ सकता है. आइए जानते हैं दुर्गा अष्टमी के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए.;
Durga Ashtami 2024: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है. यह दिन मां दुर्गा की विशेष उपासना के लिए बेहद पवित्र माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल दुर्गा अष्टमी व्रत 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन माता महागौरी, मां काली, दक्षिण काली, भद्रकाली और महाकाली की पूजा की जाती है. दुर्गा अष्टमी पर कुछ खास नियमों का पालन जरूरी माना गया है, जिन्हें न मानने पर मां भगवती की कृपा से वंचित भी होना पड़ सकता है. आइए जानते हैं दुर्गा अष्टमी के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए.
स्नान और पूजा में देरी न करें
दुर्गा अष्टमी के दिन जल्दी उठना चाहिए और देर तक सोने से बचना चाहिए. सुबह स्नान-ध्यान के बाद ही मां दुर्गा की पूजा शुरू करनी चाहिए. दिन की शुरुआत मां के ध्यान और दुर्गा सप्तशती के पाठ से करें. इससे पूरे दिन की पूजा का फल प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
काले वस्त्र न पहनें
महा अष्टमी के दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए. इस दिन सफेद, पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है. काले रंग को अष्टमी के दिन अशुभ माना जाता है, इसलिए इस नियम का पालन विशेष रूप से करना चाहिए.
हवन करना आवश्यक है
महा अष्टमी के दिन पूजा के साथ हवन करना भी बहुत महत्वपूर्ण है. बिना हवन के अष्टमी की पूजा को अधूरा माना जाता है. हवन करने से पूजा का पूरा फल मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
संधि काल में जलाएं दीपक
अष्टमी के दिन संधि काल में मां भगवती की पूजा बहुत ही शुभ मानी जाती है. इस दौरान कम से कम 11 दीपक जरूर जलाएं और मां का ध्यान करें. इस समय की गई पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है और मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं.
दोपहर में सोने से बचें
शास्त्रों में कहा गया है कि महा अष्टमी के दिन दोपहर के समय सोने से बचना चाहिए. ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता और मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं. इसलिए इस दिन पूरी तरह से मां की भक्ति और ध्यान में समय बिताना चाहिए.
कन्या पूजन करें
दुर्गा अष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है. इस दिन कन्याओं को भोजन कराने के बाद ही खुद भोजन या फलाहार ग्रहण करें. ऐसा करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
दुर्गा अष्टमी और महानवमी
इस साल दुर्गा अष्टमी और महानवमी एक ही दिन मनाई जाएगी, जिससे पूजा का महत्व और बढ़ जाता है. इस दिन मां दुर्गा को भोग अर्पित करें और पूरे विधि-विधान से व्रत का पालन करें. इससे जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.