Kharmas 2024: खरमास में बनते काम भी जाते हैं बिगड़, जानें क्यों इस समय को माना जाता है अशुभ
हिंदू धर्म में खरमास को शुभ नहीं माना जाता है. मान्यता है कि इस दौरान बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं. खरमास का संबंध ग्रहों से है. ऐसे में इस दौरान शादी से लेकर मुंडन जैसे मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है.;
हिंदू पंचाग में खरमास को शुभ नहीं माना जाता है. यह समय एक महीने तक चलता है. इस साल खरमास की शुरूआत 15 दिसंबर से होगी. वहीं, इसका समापन 14 जनवरी को होगा. यह वह समय होता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. माना जाता है कि इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. चलिए जानते हैं इसका कारण.
खरमास तब होता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर राशि को शनि की राशि माना जाता है. वहीं, शनि को धीमा, नियंत्रित और गंभीर ग्रह माना जाता है. जबकि सूर्य के मकर राशि में गोचर को एक विश्राम की अवस्था माना जाता है. वहीं, इस समय सूर्य का प्रभाव कमजोर और शांत रहता है, जो खासतौर से मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता.
क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य?
खरमास के दौरान सूर्य की गति धीमी होती है और ऊर्जा का प्रवाह कम हो जाता है. इसलिए इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों को टालने की परंपरा है.
खगोलशास्त्र के अनुसार खरमास के दौरान सूर्य का गोचर मकर राशि में होने के कारण उसकी ऊर्जा पृथ्वी पर प्रभावित होती है. इस समय शुभ कार्यों के लिए वातावरण में संतुलन नहीं रहता है. इसलिए इसे कार्यों को स्थगित करने का समय माना जाता है.
खरमास में क्या करें
इस समय में लोग अधिक से अधिक पूजा-पाठ, व्रत, और धार्मिक कार्य करते हैं. यह समय आत्मा की शांति और ध्यान के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान व्रत भी रखे जाते हैं. साथ ही, भगवान विष्णु या शिव की पूजा करने का भी विधान है.
खरमास में क्या न करें
खरमास के दौरान माना जाता है कि शुभ काम नहीं करने चाहिए. इनमें शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञ और अन्य बड़े मांगलिक कामों को टालना चाहिए. साथ ही, कोई भी शुभ काम या सफर करने से बचना चाहिए.
खरमास के बाद क्या होता है?
खरमास समाप्त होने के बाद जब सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करता है, तब यह समय "मकर संक्रांति" कहलाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य की गति तेज हो जाती है और ऊर्जा का प्रवाह फिर से सामान्य होता है, जिससे इस समय को मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है. इसके बाद लोग विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं.