Hartalika Teej 2025: कब और क्यों मनाते हैं यह तीज? इस मुहूर्त में पूजा करने से पति की उम्र होगी लंबी
हरतालिका तीज हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए एक अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से जुड़ा पर्व है, जो विशेष रूप से सुहागिनों द्वारा मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को सदा सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त होता है.;
अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और सुखी दांपत्य जीवन के लिए हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व होता है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही शुभ और लाभकारी माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है.
इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-आराधना करती हैं. आइए जानते हैं इस वर्ष की हरतालिका तीज की तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से.
हरतालिका तीज तिथि 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से होगी और इस तिथि का समापन 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को मनाया जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष हरतालिका तीज की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को सुबह 5 बजकर 56 मिनट लेकर 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. इस तरह के हरतालिका तीज के लिए पूजा करने की कुल अवधि 2 घंटे 35 मिनट तक रहेगी.
तीज पर शुभ योग
26 अगस्त को हरतालिका तीज पर कई तरह के शुभ संयोगों का निर्माण होगा. इस दिन चंद्रमा और मंगल का कन्या राशि में विशेष योग के साथ महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा. इसके अलावा इस दिन हस्त नक्षत्र में साध्य योग बनेगा और सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में विराजमान रहेंगे.
व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत रखने से सुगाहिनों के लिए अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. हरतालिका तीज व्रत को सुहागिनों के अलावा कुंवारी कन्याएं रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है.
हरतालिका तीज पूजाविधि
हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं पति-पत्नी के अटूट बंधन के के लिए शुद्ध मिट्टी से शिव-पार्वती और श्री गणेश की प्रतीकात्मक प्रतिमाएं बनाकर उनकी पूजा करती हैं. पूजन में रोली,चावल,पुष्प,बेलपत्र,नारियल ,दूर्वा,मिठाई आदि से भगवान का भक्ति भाव से पूजन करें. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत की कथा सुनें और अंत में आरती करती हैं.