रावण के वो 5 गुण जो हर इंसान में होने चाहिए, जानें लंकापति रावण की खूबियां

रावण का नाम सुनते ही उसके अहंकार और बुराइयों की छवि सामने आती है, लेकिन रामायण के इस प्रमुख पात्र में कुछ ऐसे गुण भी थे, जो हर व्यक्ति में होने चाहिए. आइए जानते हैं रावण के पांच प्रमुख गुण जो आज के समय में भी प्रेरणा देने वाले हैं.;

By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 10 Oct 2024 6:58 PM IST

Qualities Of Ravan:रावण का नाम सुनते ही उसके अहंकार और बुराइयों की छवि सामने आती है, लेकिन रामायण के इस प्रमुख पात्र में कुछ ऐसे गुण भी थे, जो हर व्यक्ति में होने चाहिए. लंका के राजा रावण को भले ही माता सीता के हरण और भगवान श्री राम के हाथों अपनी मृत्यु के कारण जाना जाता है, लेकिन उसकी विद्वता और अन्य गुणों ने उसे महापंडित की उपाधि दिलाई. आइए जानते हैं रावण के पांच प्रमुख गुण जो आज के समय में भी प्रेरणा देने वाले हैं.

महापंडित रावण

रावण केवल एक शक्तिशाली राजा ही नहीं, बल्कि एक महान पंडित भी था. उसके ज्ञान का सम्मान भगवान राम ने भी किया. रामायण के अनुसार, जब भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए यज्ञ करने का विचार किया, तो उन्होंने रावण को यज्ञ कराने के लिए आमंत्रित किया, क्योंकि रावण से बड़ा कोई विद्वान नहीं था. यह दिखाता है कि रावण का ज्ञान कितना विशाल था.

शिवभक्त रावण

रावण का दूसरा सबसे बड़ा गुण उसकी शिव भक्ति थी. रावण ने अपनी भक्ति में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अद्वितीय प्रयास किए. उसने अपने नसों को तोड़कर उन्हें तार के रूप में इस्तेमाल किया और उसी से संगीत बनाकर शिव तांडव स्तोत्र की रचना की. रावण का यह स्तोत्र आज भी शिव भक्ति में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और उसकी गहरी भक्ति को दर्शाता है.

राजनीति का ज्ञाता

रावण को राजनीति का गहरा ज्ञान था। भगवान राम ने भी रावण की इस क्षमता को स्वीकार किया और अपने भाई लक्ष्मण को राजनीति का ज्ञान लेने के लिए रावण के पास भेजा. रावण ने लक्ष्मण को राजनीति के कई गूढ़ रहस्य सिखाए, जिससे वह एक महान राजनीतिज्ञ भी साबित हुआ.

शास्त्रों का रचियता

रावण न केवल एक विद्वान और योद्धा था, बल्कि उसने कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना भी की थी. इनमें 'शिव तांडव स्तोत्र', 'अंक प्रकाश', 'इंद्रजाल', 'कुमारतंत्र', 'प्राकृत लंकेश्वर' और 'नाड़ी परीक्षा' जैसे ग्रंथ शामिल हैं. ये रचनाएं उसकी विद्वता और साहित्यिक ज्ञान को प्रमाणित करती हैं.

अच्छा शासक

रावण एक सशक्त और अहंकारी राजा था, लेकिन अपनी प्रजा के प्रति वह अत्यंत समर्पित था. उसने अपने राज्य में मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कीं. लंका में उसकी प्रजा उसे एक आदर्श शासक मानती थी, जिसने उनके लिए जीवन को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया था.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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