Diwali 2024: क्यों दिवाली के दिन घर के बाहर बनाई जाती है रंगोली, जानें इसके पीछे का राज

दिवाली के शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रंगोली बनाने की परंपरा सदियों पुरानी है. मान्यता है कि रंगोली से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सुख, शांति, और समृद्धि आती है. देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. रंगोली, धार्मिक महत्व के साथ-साथ भारतीय कला, संस्कृति और सुंदरता का प्रतीक भी है.;

Diwali 2024: दिवाली के शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रंगोली बनाने की परंपरा सदियों पुरानी है. मान्यता है कि रंगोली से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सुख, शांति, और समृद्धि आती है. देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. रंगोली, धार्मिक महत्व के साथ-साथ भारतीय कला, संस्कृति और सुंदरता का प्रतीक भी है.

भगवान राम का स्वागत

धार्मिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान राम 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए और रंगोली बनाई थी. इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए दिवाली पर हर घर में रंगोली बनाई जाती है, जो इस त्योहार की खुशी और उल्लास को प्रकट करती है.

इतिहास में रंगोली के प्रमाण

भारतीय पुरातत्व विभाग के अनुसार रंगोली का प्रचलन मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता में भी था. उस समय अल्पना के रूप में रंगोली के चिन्ह पाए गए थे, जो प्राचीन भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा रहे हैं. संस्कृत शब्द ‘रंगवली’ से निकला रंगोली शब्द का अर्थ है रंगों से भावनाओं को अभिव्यक्त करना. इसे गुलाल, फूल, आटा या रंगों से तैयार किया जाता है, जो विविध प्रकार के आकार और आकृतियों में बनाई जाती है.

दिवाली पर रंगोली की विविधताएं

दिवाली की रंगोली को शुभ माना जाता है, और इसे लक्ष्मी, गणेश, और कुबेर के स्वागत में बनाते हैं. रंगोली में लक्ष्मी जी के पदचिन्ह, स्वास्तिक, कमल का फूल, और मोर जैसी पारंपरिक डिज़ाइन का खास महत्व होता है. इसके साथ ही भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग शैली की रंगोली बनाई जाती है, जो हर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाती है.

इस दिवाली, रंगोली बनाकर घर में सुंदरता और सकारात्मकता लाएं और देवी लक्ष्मी का स्वागत करें.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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