Choti Diwali 2024: छोटी दिवाली को क्यों जलाते हैं यम का दीपक, क्या है इस परंपरा का रहस्य?
छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, इस साल 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी. दिवाली के एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन दीपावली की ही तरह दीपक जलाने की परंपरा है, जिसे खासतौर पर यम का दीपक कहा जाता है. मान्यता है कि यम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु और अनहोनी से बचा जा सकता है;
Choti Diwali 2024: छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, इस साल 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी. दिवाली के एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन दीपावली की ही तरह दीपक जलाने की परंपरा है, जिसे खासतौर पर यम का दीपक कहा जाता है. मान्यता है कि यम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु और अनहोनी से बचा जा सकता है और इस परंपरा का पालन करने से मृत्यु के देवता यमराज की कृपा बनी रहती है.
क्या है यम दीपदान का महत्व?
नरक चतुर्दशी पर यमराज के लिए दीपदान करने की परंपरा को यम दीपदान कहते हैं. इस परंपरा के अनुसार, कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि पर यमराज की पूजा की जाती है ताकि परिवार में सुख-समृद्धि और सुरक्षा बनी रहे. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज को दीप अर्पित करने से परिवार पर आने वाले संकट और अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यमराज की कृपा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितरों का आशीर्वाद बना रहता है
कब और कैसे जलाया जाता है यम का दीपक?
यम का दीपक नरक चतुर्दशी की रात सूर्यास्त के बाद जलाया जाता है. इसे घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखा जाता है जिसमें सरसों का तेल डालकर दीपक जलाना शुभ माना जाता है. दीपक को मिट्टी से बनाया जाता है, जो इस दिन की पवित्रता और महत्व को बढ़ाता है. यह दीपक यमराज को प्रसन्न करता है और परिवार के लिए सुख, समृद्धि, और शांति का आशीर्वाद लाता है.
यम दीपदान से जुड़ी मान्यताएं
यम दीपदान की यह परंपरा न केवल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है, बल्कि घर-परिवार में खुशहाली और सकारात्मकता भी लाती है. छोटी दिवाली के दिन यम का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परिवार पर आने वाले संकट टलते हैं. इसलिए, हर साल नरक चतुर्दशी पर यम दीपदान की यह परंपरा श्रद्धा के साथ निभाई जाती है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.