रुद्राक्ष पहनते समय इन नियमों का रखें ध्यान, वरना हो सकता है नुकसान! जानें 12 राशियों के लिए सही रुद्राक्ष
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है. इसे धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं. लेकिन रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है.;
Importance Of Rudraksh: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है. इसे धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं. लेकिन रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. ऐसा न करने पर इसके शुभ प्रभाव कम हो सकते हैं.
रुद्राक्ष पहनने के नियम
सोते समय उतारें रुद्राक्ष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष को पहनकर नहीं सोना चाहिए. माना जाता है कि सोते समय यह अशुद्ध हो सकता है और इसके टूटने का खतरा भी रहता है. इसे सुबह स्नान के बाद दोबारा धारण करें.
मांस-मदिरा का सेवन न करें
रुद्राक्ष धारण करते समय मांस और मदिरा का सेवन वर्जित है. यह भगवान शिव का प्रसाद माना जाता है, इसलिए इसकी पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है.
सूतक के समय न पहनें
बच्चे के जन्म या परिवार में किसी के निधन के बाद रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए. सूतक के दौरान चीजें अशुद्ध मानी जाती हैं, जिससे इसका प्रभाव कम हो सकता है.
सही राशि का रुद्राक्ष पहनें
रुद्राक्ष पहनते समय अपनी राशि का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. सही रुद्राक्ष से शुभ फल मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
12 राशियों के लिए सही रुद्राक्ष
• मेष: एक मुखी, तीन मुखी, पांच मुखी
• वृषभ: चार मुखी, छह मुखी, चौदह मुखी
• मिथुन: चार मुखी, पांच मुखी, तेरह मुखी
• कर्क: तीन मुखी, पांच मुखी, गौरी-शंकर
• सिंह: एक मुखी, तीन मुखी, पांच मुखी
• कन्या: चार मुखी, पांच मुखी, तेरह मुखी
• तुला: चार मुखी, छह मुखी, चौदह मुखी
• वृश्चिक: तीन मुखी, पांच मुखी, गौरी-शंकर
• धनु: एक मुखी, तीन मुखी, पांच मुखी
• मकर: चार मुखी, छह मुखी, चौदह मुखी
• कुंभ: चार मुखी, छह मुखी, चौदह मुखी
• मीन: तीन मुखी, पांच मुखी, गौरी-शंकर
रुद्राक्ष के लाभ
रुद्राक्ष धारण करने से तनाव दूर होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव होता है. यह मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाने में मददगार होता है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.