मनाली से लेकर कश्मीर तक, भारत के इन बेस्ट प्लेस पर स्नोफॉल के साथ मनाएं क्रिसमस और न्यू ईयर
स्नो लवर्स के लिए यह साल फिर से आ गया है. हाल ही में नॉर्थ और साउथ कश्मीर के मैदानी इलाकों के कई कस्बों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई.;
साल के अंत का महीना दिसंबर जिसमें क्रिसमस और न्यू ईयर को सेलिब्रेट करने के लिए खासतौर से जाना जाता है. लेकिन इस सेलिब्रेशन में स्नोफॉल का भी एक कनेक्शन है. जब अनगिनत क्रिसमस ट्री बर्फ की चादर लपेटे सेलिब्रेशन की वाइब को अट्रैक्ट करते है.
खैर, भारत के कुछ हिस्सों में क्रिसमस पर स्नोफॉल देखना एक सपना नहीं बल्कि एक रियलिटी है. आइये नजर डालते है भारत की उन जगहों पर जहां क्रिसमस पर होती है स्नोफॉल.
गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर
स्नो लवर्स के लिए यह साल फिर से आ गया है. हाल ही में नॉर्थ और साउथ कश्मीर के मैदानी इलाकों के कई कस्बों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई. घाटी के ऊपरी इलाकों और गुलमर्ग और सोनमर्ग के ट्यूरिस्ट रिसॉर्ट्स में पिछले हफ्ते ताजा बर्फबारी हुई. गुलमर्ग घाटी इस समय सफेद बर्फ से ढकी हुई है, जिससे देखने में एक अट्रैक्टिव दिलचस्प और मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य बन रहा है. आप यहां स्नोफॉल को एंजॉय करने के लिए गोंडोला सवारी का आनंद ले सकते हैं, जमी हुई झील पर चल सकते हैं या अंतहीन घास के मैदानों और चट्टानी चोटियों की पृष्ठभूमि के साथ एक सुरम्य पिकनिक के लिए भी जा सकते हैं.
मनाली, हिमाचल प्रदेश
इस महीने की शुरुआत में, हिमाचल प्रदेश में सीज़न की पहली बर्फबारी देखी गई. मनाली, कसौली और चैल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी बर्फबारी दर्ज की गई. जब मनाली में बर्फबारी होती है, तो आप स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग, स्नोमोबिलिंग, ज़ोरबिंग, पैराग्लाइडिंग, सोलंग वैली में केबल कार की सवारी, स्नोमैन बनाना या याक की सवारी जैसी एक्टिविटी का आनंद ले सकते हैं. ट्यूरिस्ट स्थानीय बाज़ारों में भी जा सकते हैं, गर्म झरनों का आनंद ले सकते हैं, या बर्फ से ढके हिमालय के आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं.
लेह, लद्दाख
लद्दाख का मंत्रमुग्ध कर देने वाला परिदृश्य हर मौसम में कुछ न कुछ पेश करता है, और अगर आप सर्दियों में अपनी घूमने की प्लानिंग बनाते हैं, तो यह आपके अनुभव में बहुत अंतर लाएगा. अक्टूबर में, लद्दाख के लेह में सीज़न की पहली बर्फबारी हुई, जो सर्दियों के मौसम के आने का हिंट देती है। लेह और उसके आसपास के पहाड़ बर्फ की परतों से ढक गए हैं, जिससे लद्दाख की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं. यहां आप हेमिस नेशनल पार्क या पैंगोंग त्सो झील की यात्रा कर सकते हैं, जहां समय रुक जाता है. यह जितना मंत्रमुग्ध करने वाला लगता है, दिसंबर में लेह-लद्दाख उतना ही अप्रत्याशित है, इसलिए, किसी पूर्वनिर्धारित यात्रा कार्यक्रम पर टिके रहने की योजना न बनाएं.
त्सोमगो झील, सिक्किम
त्सोमगो झील, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, सर्दियों में और भी अट्रैक्टिव हो जाती है. पूर्वी सिक्किम में मौसम की पहली बर्फबारी ने इसे एक सबसे खूबसूरत जगहों में से एक में बदल दिया है. सिक्किम के लोग इस झील को पवित्र मानते हैं. झील के किनारे भगवान शिव को समर्पित एक छोटा सा मंदिर है. झील लगभग 1 किमी लंबी है और अभी बर्फ से ढके खड़ी पहाड़ी से घिरी हुई है.
तवांग, अरुणाचल प्रदेश
तवांग अक्टूबर और दिसंबर के बीच एक पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. कुछ महीने पहले, सीज़न की पहली बर्फबारी ने तवांग से बुम-ला दर्रे तक के मार्ग को ढक दिया था, जिससे अरुणाचल प्रदेश में चीन-भारत सीमा के साथ इस स्ट्रेटेजिक लोक्शन पर हजारों ट्यूरिस्ट आए. 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित ऐतिहासिक बुम-ला दर्रा, एक शीतकालीन वंडरलैंड में तब्दील हो गया है. आप सेला दर्रे की भी यात्रा कर सकते हैं, जो बर्फ से ढकी चोटियों, प्राचीन झीलों और टेढ़ी-मेढ़ी सड़कों वाला एक उच्च ऊंचाई वाला पहाड़ी दर्रा है. जमी हुई सेला झील सर्दियों में एक और प्रमुख आकर्षण है। आप स्थानीय झीलों का भी पता लगा सकते हैं: तवांग में इनकी संख्या 100 से अधिक है.
उत्तराखंड
औली, नैनीताल, मुनस्यारी और अल्मोडा जैसे क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान बर्फबारी होती है, जो स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसी बर्फ गतिविधियों की तलाश करने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है.