IPS जैदी अब बन गए कैदी! IGP Zahur Haider को कोर्ट ने क्यों सुनाई उम्रकैद की सजा?
IPS Zahur Haider Zaidi: हिमाचल प्रदेश के आईपीएस अधिकारी जहूर हैदर जैदी इन दिनों चर्चा में हैं, क्योंकि सीबीआई की एक अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. उनके साथ सात अन्य पुलिसकर्मियों को भी इसी मामले में दोषी करार दिया गया है. यह मामला लगभग सात साल पुराना है, जिसमें अदालत ने 18 जनवरी को फैसला सुनाया.;
IPS Zahur Haider Zaidi: हिमाचल प्रदेश के आईपीएस अधिकारी जहूर हैदर जैदी इन दिनों चर्चा में हैं, क्योंकि सीबीआई की एक अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. उनके साथ सात अन्य पुलिसकर्मियों को भी इसी मामले में दोषी करार दिया गया है. यह मामला लगभग सात साल पुराना है, जिसमें अदालत ने 18 जनवरी को फैसला सुनाया. तो आइए इस खबर में जहूर हैदर जैदी अफसर के बारे में विस्तार से जानते हैं और इसके साथ ही सात साल पुराना किस्सा और किस मामले में जहूर हैदर जैदी को किस उम्रकैद की सजा सुनाई गई?
क्यों हुई जहूर हैदर जैदी को उम्रकैद की सजा?
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप एंड मर्डर केस ने आईपीएस अधिकारी जहूर हैदर जैदी का करियर पूरी तरह तबाह कर दिया. इस केस ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को हिला दिया. मामला 4 जुलाई 2017 का है, जब शिमला के कोटखाई इलाके में एक स्कूली छात्रा, जो दसवीं कक्षा में पढ़ती थी, घर से स्कूल के लिए निकली, लेकिन रास्ते में उसके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई.
कब क्या- क्या हुआ?
यह घटना हिमाचल प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थी. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सरकार को एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन करना पड़ा. इस टीम की कमान आईजी रैंक के अधिकारी जहूर जैदी को सौंपी गई. 13 जुलाई 2017 को जहूर जैदी ने दावा किया कि उनकी टीम ने केस सुलझा लिया है. पुलिस ने सूरज नामक एक नेपाली मजदूर को मुख्य आरोपी बताया. लेकिन 18 जुलाई 2017 को सूरज की पुलिस कस्टडी में लॉकअप के भीतर मौत हो गई. इस घटना ने पूरे राज्य में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए और जनता में भारी आक्रोश फैल गया.
लोगों के विरोध और बढ़ते दबाव के कारण सरकार को मामला सीबीआई को सौंपना पड़ा. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया. इसके बाद 29 अगस्त 2017 को सीबीआई ने जहूर जैदी और उनकी एसआईटी टीम के आठ अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने आरोप लगाया कि सूरज की मौत पुलिस की बर्बरता का नतीजा थी और पुलिस ने असली अपराधियों को पकड़ने के बजाय मामले को दबाने के लिए झूठे सबूत गढ़े थे.
कौन हैं हिमाचल के आईपीएस जिन्हें हुई उम्रकैद की सजा?
आईपीएस अधिकारी जहूर हैदर जैदी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1968 में हुआ था. जैदी ने प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद इंजीनियरिंग का कोर्स किया था. जैदी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. 1993 में उन्हें सफलता मिल ही गई. साल 1994 में उन्हें हिमाचल कैडर का आईपीएस नियुक्त किया गया. जहूर जैदी को साल 2010 उनकी सेवाओं के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था.