कौन है कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की दुल्हनिया शिप्रा? जयपुर के ताज होटल में लेंगे सात फेरे; ये मेहमान होंगे शामिल
वृंदावन के युवा और बेहद लोकप्रिय कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय महाराज 5 दिसंबर 2025 को विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं. यह भव्य राजसी विवाह जयपुर के ऐतिहासिक आमेर किले के सामने स्थित लग्जरी होटल ताज आमेर में होगा. सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पूरे वैदिक मंत्रोच्चार और रीति-रिवाजों के साथ सात फेरे संपन्न होंगे.;
वृंदावन के बहुत लोकप्रिय और युवाओं के चहेते कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय इन दिनों हर जगह चर्चा में हैं. वजह है उनकी शादी! 5 दिसंबर 2025 को ये 'भक्ति के रॉकस्टार' शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. यह शादी कोई साधारण शादी नहीं, बल्कि एक भव्य और यादगार आयोजन होने वाला है. शादी राजस्थान की राजधानी जयपुर में हो रही है. जगह चुनी गई है जयपुर के प्रसिद्ध आमेर किले के पास स्थित शानदार होटल ताज आमेर. यहां सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पूरी तरह वैदिक रीति-रिवाजों और मंत्रोच्चार के साथ सात फेरे होंगे. आमेर का किला और उसके आसपास का नजारा इतना खूबसूरत है कि शादी को राजसी ठाठ-बाट मिलेगा. हालांकि लोगों का सवाल है कि आखिर उनकी होने वाली दुल्हनियां कौन है. लेकिन एक नजर डालते है इंद्रेश उपाध्याय पर जिन्हें वृन्दावन का रॉकस्टार भी कहा जाता है.
इंद्रेश उपाध्याय का जन्म 7 अगस्त 1997 को वृंदावन में हुआ था. ये प्रसिद्ध कथावाचक श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री जी (ठाकुर जी) के सुपुत्र हैं. बचपन से ही पिता जी के साथ रहकर इन्होंने श्रीमद् भागवत पुराण का गहरा अध्ययन किया. महज 28 साल की छोटी उम्र में ये सोशल मीडिया पर लाखों-करोड़ों युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय संत बन गए हैं. इनकी खासियत यह है कि ये बहुत आसान और आज की भाषा में भक्ति की बातें करते हैं. इनके भजन, रील्स और कथाएं देखकर आज का युवा वर्ग श्रीकृष्ण भक्ति की ओर खिंचा चला आ रहा है. इनके वीडियो को करोड़ों व्यूज मिलते हैं. लोग इन्हें प्यार से 'भक्ति का रॉकस्टार' कहते हैं. इंद्रेश महाराज जयपुर को 'छोटा वृंदावन' कहते हैं क्योंकि यहां गोविंद देव जी, गोपीनाथ जी जैसे प्राचीन विग्रह विराजमान हैं जो कभी वृंदावन से ही लाए गए थे.
कौन हैं शिप्रा
इंद्रेश उपाध्याय की होने वाली की पत्नी का नाम है शिप्रा है. शिप्रा मूल रूप से हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली हैं. उनके पिता पंडित हरेंद्र शर्मा जी पहले पुलिस विभाग में डीएसपी रह चुके हैं और अब परिवार अमृतसर (पंजाब) में रहता है. दोनों परिवारों की पहले से अच्छी जान-पहचान थी. कहते हैं कि इंद्रेश जी और शिप्रा की पहली मुलाकात एक भागवत कथा के दौरान हुई थी. वहां दोनों को एक-दूसरे से आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस हुआ और धीरे-धीरे यह रिश्ता प्यार और फिर शादी तक पहुंचा. शिप्रा को भी भक्ति और भजन बहुत पसंद हैं, इसलिए यह जोड़ी वाकई खूब जंचने वाली है.
शादी की रस्में और धूमधाम
शादी की रस्में वृंदावन के रमणरेती आश्रम में ही शुरू हो गई थी. हल्दी, मेहंदी, संगीत सब भक्ति भजनों और राधा-कृष्ण के रसिया गीतों के बीच हुए. 3 दिसंबर को घुड़चढ़ी का नजारा देखते ही बनता था. इंद्रेश महाराज ऑफ-व्हाइट शेरवानी, पगड़ी और हाथ में चांदी की छड़ी लिए घोड़ी पर सवार हुए. बैंड-बाजा, ढोल-नगाड़े, नाचते-गाते भक्त, हाथी-घोड़े सब थे. पूरी बारात वृंदावन से जयपुर के लिए रवाना हुई. इस घुड़चढ़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लाखों भक्तों ने शुभकामनाएं दी.
कौन-कौन आ रहे हैं मेहमान?
यह शादी सिर्फ दो परिवारों का मिलन नहीं, बल्कि एक बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बन गया है. देश-विदेश के बड़े-बड़े संत-महात्मा, कथावाचक और हस्तियां इसमें शामिल हो रहे हैं. कुछ नाम इस प्रकार हैं: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी, मूलक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास जी महाराज, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी, पुंडरीक गोस्वामी जी, जयपुर के कई बड़े संत-महंत बॉलीवुड के मशहूर सिंगर बी प्राक (जो अपने भजन और गीतों से समारोह में रंग जमाएंगे). निमंत्रण कार्ड के साथ राधारमण मंदिर वृंदावन की विशेष मिश्री-इलायची, तुलसी दल और लड्डू प्रसाद भेजा गया है, जो हर मेहमान के लिए खास तोहफा है.