कौन हो सकता है मणिपुर का अगला CM? इन तीन नामों को लेकर चर्चा हुई तेज, पहुंचे संबित पात्रा

Manipur Political crisis: एन बीरेन सिंह ने मांग की है कि नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए विधानसभा को निलंबित रखा जाए. इस बीच विधानसभा सत्र को बर्खास्त कर दिया गया है, जो आज से शुरू होने वाला था. राजनीतिक संकट के बीच BJP सांसद और सीनियर लिडर संबित पात्रा भी मणिपुर में ही डेरा डाले हुए हैं.;

Manipur Political crisis
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 10 Feb 2025 12:01 PM IST

Manipur Political crisis: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के रविवार को इस्तीफा देने के बाद नए सीएम को लेकर अटकलें तेज हो गई है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर आम सहमति बनाने के लिए अभी थोड़ा समय ले सकता है. राज्य में कांग्रेस की ओर से लगातार अविश्वास प्रस्ताव की धमकी और बीजेपी विधायकों की बगावत की खबर के बीच एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि दिल्ली में बैठक चल रही है और देर रात तक राज्यपाल को अगले कदमों के बारे में बता दिया जाएगा. सूत्रों ने ये भी इशार किया है कि राष्ट्रपति शासन शुरू में चार से पांच महीने के लिए लगाया जा सकता है और मुख्यमंत्री के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार मिलने तक इसे बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि राष्ट्रपति शासन को हर बार छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है.

कौन हो सकता है मणिपुर का सीएम?

एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के पहले से ही बीजेपी सांसद और सीनियर लिडर संबित पात्रा मणिपुर में ही डेरा डाले हुए हैं. शायद केंद्र ने उन्हें बिखरते विधायकों को समेटने का काम दिया है. मणिपुर में तीन नेताओं के नामों पर चर्चा चल रही है, जिनमें कैबिनेट मंत्री टी विश्वजीत सिंह, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री युमनाम खेमचंद सिंह और विधानसभा स्पीकर टी सत्यव्रत का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है.  

जातीय विभाजन के बीच राजनीतिक संकट

राज्य में जातीय विभाजन के दोनों ओर के समूहों के बीच इस बात पर बहुत अलग-अलग विचार हैं कि आगे की राह कैसी होनी चाहिए. कुकी-ज़ो समूहों के बीच केंद्र से लगातार मांग की जा रही है कि केंद्र सरकार राज्य की शासन को पूरी तरह से अपने हाथ में लें. वहीं मैतेई नागरिक समाज के नेता जीतेन्द्र निंगोम्बा इसे लेकर अलग विचार रखते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन स्वीकार नहीं किया जाएगा.

कुकी ज़ो काउंसिल के अध्यक्ष हेनलियानथांग थांगलीट ने कहा, 'बीरेन सिंह का इस्तीफा बहुत देर से आया है, लेकिन अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो यह हमारे लिए बहुत अच्छा होगा. अगर वे घाटी से किसी दूसरे नेता को चुनते हैं, तो यह नई बोतल में पुरानी शराब की तरह होगा. अगर केंद्र सरकार सत्ता में है, तो हम सीधे राज्यपाल से बात कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो मैं ज़्यादा आशावादी हो जाऊंगा.'

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