नेहरू से मोदी तक...भारत के संविधान में कब और कितनी बार किया गया संशोधन?
Constitutional Amendment in India: पिछले कुछ दशकों में भारतीय संविधान में कई संशोधन हुए हैं. कुछ संशोधन मामूली रहे हैं, जबकि कुछ संशोधन के जरिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं. इनका शासन, राजनीति और समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ा है.;
Constitutional Amendment in India: भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं. इसे अंतिम रूप देने से पहले ड्राफ्ट में करीब 2000 संशोधन किए गए थे, लेकिन ये बात तो संविधान लागू होने से पहले की है. सदन संविधान पर चर्चा और 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर संशोधन के बीच एक सवाल सामने आया कि आखिर अब तक संविधान में कितने संशोधन हो चुके हैं.
दरअसल, समय और समाज की मांग के कारण समय-समय पर संविधान में संशोधन जरूरी है. जिसकी शुरूआत इसके लागू होने के कुछ समय बाद ही हो गई थी. संविधान का पहले संशोधन दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के शासन काल में ही हो चुका था. जब नेहरू सरकार ने संविधान में संशोधन किया था.
कब हुआ था पहला संशोधन और अब तक कितनी बार हुआ संशोधन?
भारतीय संविधान का पहला लागू होने के डेढ़ साल बाद संशोधन 18 जून 1951 को हुआ था, जिसे संविधान अधिनियम के नाम से जाना जाता है. इस संशोधन में अनुच्छेद 31A और 31 B में बदलाव करते हुए नागरिकों के मौलिक अधिकार में कई बदलाव किए गए थे, जिसमें अभिव्यक्ति की आजादी को बैन कर दिया गया था. इसके साथ ही अब तक यानी आज 18 दिसंबर 2024 तक संविधान में 106 बार संशोधन किया जा चुका है. खास बात तो ये है कि किसी दूसरे देश के संविधान में अब तक इतनी बार बदलाव नहीं हुआ.
कांग्रेस ने कितने बार बदले संविधान?
देश में कांग्रेस ने 80 बार संविधान में संशोधन करने का काम किया है. बात नेहरू काल की करें तो खुद उस नेहरू सरकार ने संविधान में 17 बार बदलाव किए हैं. वहीं इंदिरा गांधी के शासनकाल में 40 बार संविधान में संशोधन किया गया. तो राजीव गांधी के कार्यकाल में 11 बार संविधान संशोधन करने का काम किया गया. इसके अलावा मनमोहन सिंह के दोनों कार्यकालों में कम से कम 6 बार संविधान संशोधन हुए.
मोदी सरकार में कितनी बार हुआ संविधान संशोधन?
साल 2014 में सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक 8 बार संविधान में बदलाव किए हैं. सरकार ने पहला संशोधन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज को चयन में पारदर्शिता के लिए किया, जिसके तहत 13 अप्रैल 2015 को संविधान का 99वां संविधान संशोधन था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने NJC एक्ट को रद्द कर दिया.
इसके बाद मोदी सरकार ने संविधान का 100वां संशोधन भारत और बांग्लादेश के बीच हुई जमीनी सीमा संधि को लेकर किया. इसके बाद 101वां संविधान संशोधन GST act लागू करने के लिए किया गया. फिर सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 2018 में 102वां संविधान संशोधन किया था.
EWS को शिक्षण संस्थाओं और नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए 103वां संविधान संशोधन किया गया. इसके बाद लोकसभा, विधानसभाओं में एससी-एसटी आरक्षण 10 साल बढ़ाने के लिए 104वां संविधान संशोधन किया गया.
संसद के मानसून सत्र में 11 अगस्त, 2021 मोदी सरकार ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया, जिसके लिए 105वां संविधान संशोधन किया गया. लोकसभा, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के तहत 106वां संविधान संशोधन किया गया था.