क्‍या होती है Insurance Policy Portability? पोर्ट कराने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

पॉलिसीधारक कुछ नियमों का पालन करके बीमा पॉलिसी को किसी दूसरी बीमा कंपनी या योजना में बदल सकते हैं. अगर कोई बीमा पॉलिसी को पोर्ट कराना चाहता है तो को कम से कम डेढ़ महीने पहले मौजूदा बीमा कंपनी को सूचित करना होगा. जानकारी के अनुसार नई बीमा कंपनी 15 दिनों के अंदर अप्लाई स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना दे देगी.;

( Image Source:  canva )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 16 Nov 2024 8:47 PM IST

Insurance Policy Portability: आज के समय में हर कोई किसी न किसी तरह की बीमा पॉलिसी करवा रहा है. किसी को कार इंश्योरेंस, किसी को हेल्थ इंश्योरेंस कराने के जरूरत पड़ती है. लेकिन आप चाहे तो अपनी वर्तमान पॉलिसी को दूसरे बीमा में बदल सकते हैं.

पॉलिसीधारक कुछ नियमों का पालन करके बीमा पॉलिसी को किसी दूसरी बीमा कंपनी या योजना में बदल सकते हैं. इस प्रक्रिया में पॉलिसीधारक को पहले नो-क्लेम बोनस, प्रतीक्षा अवधि क्रेडिट, फ्री मेडिकल चेक-अप आदि न मिलने की टेंशन होती है. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर इस टेंशन को दूर किया जा सकता है.

क्या है बीमा पॉलिसी पोर्टेबिलिटी के नियम?

अगर कोई बीमा पॉलिसी को पोर्ट कराना चाहता है तो को कम से कम डेढ़ महीने पहले मौजूदा बीमा कंपनी को सूचित करना होगा. जानकारी के अनुसार नई बीमा कंपनी 15 दिनों के अंदर अप्लाई स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना दे देगी. फिर आवेदन मंजूर होने के बाद बीमा कंपनी पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स जारी करेगी.

कब लेना चाहिए पोर्ट का फैसला?

बीमा पॉलिसी को पोर्ट करने का फैसला लेने से पहले विचार कर लेना चाहिए. अगर आप अपने प्लान से या तो खुश नहीं है या मार्केट में पॉलिसीज अच्छी टर्म्स मिल रही है. इसमें रीस्टोरेशन बेनिफिट्स के साथ कई फीचर्स मिलते हैं, जिनकी आपको कंपेयर करना चाहिए. पॉलिसी पोर्ट करते समय यह सारी चीजें लागू होती हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

पॉलिसी को पोर्ट कराने से पहले आप नई पॉलिसी की कम से सम 2-4 साल की हिस्ट्री देख लें. नई पॉलिसी से पहले कवरेज और प्रतिबंधों को समझना जरूरी है. आप सभी ऑफर्स की तुलना करें और इसके बाद ही पॉलिसी लें. साथ ही नई बीमा कंपनी में प्रीमियम की भी जानकारी जरूर लें. एडमिशन कवर मिलने के बाद ही नई पॉलिसी पोर्ट कराएं. नई कंपनी के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कोई फैसला लें.

हेल्थ पॉलिसी पोर्ट का प्रोसेस

आप किसी भी बीमा पॉलिसी को दूसरी बीमा कंपनी या योजना में पोर्ट करा सकते हैं. हम आपको हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबलिटी के प्रोसेस के बारे में बताते हैं. फैमिली और इंडिविजुअल दोनों तरह की पॉलिसी को पोर्ट किया जा सकता है. पोर्ट की शर्त है कि पॉलिसी समय पर रिन्यू होनी चाहिए, उसमें किसी तरह का ब्रेक नहीं होना चाहिए. मौजूदा पॉलिसी रिन्यू होने में 45 दिन बचा हो, उससे पहले ही नई कंपनी में पोर्ट के लिए रिक्वेस्ट देनी होती है. हेल्थ पॉलिसी को पोर्ट कराने के लिए चार्ज नहीं देना पड़ता. नई कंपनी में पोर्ट कराने पर वह प्रीमियम लेती है.

कैसे होता है पोर्ट?

  • पॉलिसी रिन्यूअल की डेट 45 दिन पहले ही नई कंपनी में आवेदन कर दें.
  • नई कंपनी को पोर्टेबलिटी रिक्वेस्ट मिलने के बाद वह आपको प्रपोजल और पोर्टेबलिटी फॉर्म देगी.
  • फिर पोर्टेबलिटी फॉर्म भरकर जमा कर दें.
  • कॉमन डेटा शेयरिंग पोर्टल बनाया गया है जहां पुरानी कंपनी को 7 दिन के अंदर आपकी पॉलिसी की पूरी जानकारी देनी होती है. डेटा सही होने पर ही बात आगे बढ़ती है.
  • नई कंपनी पूरी जानकारी मिलने के 15 दिन के अंदर तय करती है कि रिक्वेस्ट को स्वीकार करना है या रिजेक्ट.

Similar News