वक्फ बिल को पीएम मोदी की कैबिनेट से मिली मंजूरी, बजट सत्र के दूसरे चरण में हो सकता है पेश
वक्फ संशोधन विधेयक को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और इसे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जाएगा. 13 फरवरी को संसदीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद नया मसौदा तैयार किया गया था। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों से जुड़े प्रावधानों में संशोधन लाएगा.;
कैबिनेट ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसे संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पेश किया जा सकता है. बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा, जहां इस विधेयक पर चर्चा और निर्णय होने की संभावना है.
इससे पहले, 13 फरवरी को वक्फ बिल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गई थी. रिपोर्ट के आधार पर बिल का नया मसौदा तैयार किया गया, जिसे अब मोदी कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है. इस संशोधित विधेयक को आगामी बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा.
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट के बाद, कैबिनेट ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है. 19 फरवरी को हुई बैठक में अधिकांश संशोधनों को स्वीकृति मिल गई, जिससे बजट सत्र के दूसरे चरण में इस विधेयक को पेश करने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, विपक्षी दलों ने इस पर अपनी असहमति जताई है.
अगस्त 2024 में लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक को विस्तृत समीक्षा के लिए जेपीसी को भेजा गया था. इसके बाद समिति ने 655 पन्नों की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसमें कई महत्वपूर्ण संशोधन सुझाए गए. अब सरकार इस संशोधित विधेयक को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है.
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड एक संस्थान है जो इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करता है. इसे 1954 में संसद द्वारा पारित कानून के तहत स्थापित किया गया था, जिसके बाद 1955 में प्रत्येक राज्य में वक्फ बोर्ड बनाए गए. 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन हुआ और 1995 में वक्फ अधिनियम में पहली बार संशोधन किए गए थे. वर्तमान में देशभर में लगभग 32 वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं.