लातूर की विरासत के दो चिराग, पिता की लेगेसी को आगे ले जा रहे अमित और धीरज देशमुख
विलासराव देशमुख की विरासत को उनके दो बेटे अमित देशमुख और धीरज विलासराव देशमुख आगे बढ़ा रहे हैं. बड़े बेटे विधायक के साथ साथ मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, तीसरा बेटा रितेश देशमुख राजनीति से दूर अभियान में एक सफल मुकाम हासिल कर चुका है.;
दिन था 26 मई 1945, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लगभग 500 किलोमीटर दूर लातूर जिले के किंगांव में एक बच्चे का जन्म होता है. उसके सपने बड़े थे और उसमें कुछ करने की ललक थी. उस्मानिया विश्वविद्यालय से शिक्षा पूरी करने के बाद वह समाजसेवा में जुड़ गया. इसके बाद राजनीति में हाथ आजमाया तो वहां भी उसका सिक्का चल गया. इन सभी सफलता की सीढ़ी को चढ़ते हुए उसने तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया. वो शख्स कोई और नहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख थे.
वो आज दुनिया में नहीं हैं. लेकिन उनकी विरासत को उनके दो बेटे अमित देशमुख और धीरज विलासराव देशमुख आगे बढ़ा रहे हैं. बड़े बेटे विधायक के साथ साथ मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, तीसरा बेटा रितेश देशमुख राजनीति से दूर अभियान में एक सफल मुकाम हासिल कर चुका है.
24 अक्टूबर 2024 को कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी करती है. इनमें विलासराव देशमुख के दो बेटों को टिकट दिया जाता है. बड़े बेटे अमित देशमुख को लातूर शहरी सीट से, जबकि छोटे बेटे धीरज विलासराव देशमुख को लातूर ग्रामीण सीट से उम्मीदवार बनाया जाता है. लातूर को देशमुख परिवार का गढ़ माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस ने इस गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी इन दोनों को सौंपा है. आइये जानते हैं दोनों भाई के बारे में.
कौन हैं अमित देशमुख?
महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके अमित देशमुख का जन्म 21 मार्च 1976 को हुआ था. उनकी छवि एक युवा और मेहनती नेता की है. अमित का विवाह अदिति देशमुख से हुआ है, जो समाजसेवी हैं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं. अमित देशमुख ने 2009 में लातूर शहर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की. उनके पिता विलासराव देशमुख की लोकप्रियता का अमित के करियर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा.
अमित देशमुख 2009 के बाद 2014 और 2019 में भी लातूर शहर से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. इस तरह, वे लगातार तीन बार विधायक बने और अपने क्षेत्र में लोगों का भरोसा कायम रखा. 2014 में वह कांग्रेस के नेशनल सेक्रेट्री बने थे. 2019 में जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बनी, तब अमित देशमुख को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कोविड-19 महामारी के दौरान भी उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई.
कौन हैं धीरज देशमुख?
धीरज देशमुख का जन्म 6 अप्रैल 1980 को हुआ था. धीरज अपने बड़े भाइयों, अमित देशमुख और ऋतेश देशमुख के साथ राजनीति और समाज सेवा में सक्रिय हैं. धीरज का विवाह देहरादून में जन्मी एवं जानी-मानी फैशन डिजाइनर हनी भंगाले से हुआ है, जो खुद भी एक राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनके दो बेटे हैं और उनका परिवार लातूर और मुंबई में रहता है.
धीरज देशमुख ने 2019 में लातूर जिले के लातूर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा और एक बड़े अंतर से जीत हासिल की. वह लातूर में विभिन्न खेलकूद गतिविधियों का आयोजन करते रहते हैं. उन्होंने युवाओं के लिए खेल सुविधाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वह लातूर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष और महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव हैं.
कितनी है दोनों की संपत्ति?
2019 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, अमित देशमुख के पास कुल संपत्ति लगभग 16 करोड़ रुपये थी. उनकी चल संपत्ति लगभग 10.77 करोड़ रुपये और अचल संपत्ति लगभग 5.18 करोड़ रुपये बताई गई थी. संपत्ति में गहने, बीमा पॉलिसी, कृषि भूमि और मुंबई व औरंगाबाद में व्यावसायिक व आवासीय संपत्तियां भी शामिल है. उनके पास 3 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गहने और कई बीमा पॉलिसी भी है.
वहीं, धीरज देशमुख के पास 1 लाख 82 हजार रुपये कैश है. बैंक खाते में लगभग एक करोड़ की राशि जमा है. उनके ऊपर 2.04 करोड़ का लोन भी है. उन्होंने शेयर मार्केट में 4.40 करोड़ रुपये निवेश कर रखे हैं. धीरज ने 9.84 करोड़ की चल और 10.18 करोड़ की अचल संपत्ति का दावा किया है. धीरज गहनों के भी शौकीन हैं, उनके पास 47 लाख से अधिक के गहने हैं.
जानें कितनी है जनसंख्या?
2011 की जनगणना के अनुसार, लातूर शहरी की जनसंख्या 382,940 है. इसकी साक्षरता दर 84.22% है.अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की क्रमशः 17.62% और 1.45% आबादी है. वहीं, लातूर ग्रामीण की जनसंख्या 382,940 है. इसका लिंग अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 937 महिलाएं और साक्षरता दर 84.22% है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियां क्रमशः जनसंख्या का 17.62% और 1.45% हिस्सा हैं.