ट्रंप- मोदी के 1+1 = 11 से PAK समेत इन देशों की हवा टाइट, डोनाल्ड के F-35 देने के एलान से थर्राया पड़ोसी
PM Modi US Visit: भारत और अमेरिका के गहरे होते रिश्ते पाकिस्तान की आंख की किरकिरी बनेंगे. इस बार का पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा पाकिस्तान के लिए परेशानी वाला ही साबित हुआ है क्योंकि अमेरिका से पीएम मोदी और ट्रंप ने आतंकवाद पर जो एलान किए वो किसी भी तरह से पाकिस्तान को अच्छे नहीं लग सकते.;
PM Modi US Visit: पीएम मोदी जब भी अमेरिका दौरे पर जाते हैं तो पूरी दुनिया की निगाहें उन पर होती हैं, लेकिन भारत का पड़ोसी पाकिस्तान उस पर विशेष रूप से नजर रखता है और हो भी क्यों न? भारत और अमेरिका के गहरे होते रिश्ते उसके लिए परेशानी का सबक बने हुए हैं. इस बार का भी पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा पाकिस्तान के लिए परेशानी वाला ही साबित हुआ है क्योंकि अमेरिका से पीएम मोदी और ट्रंप ने आतंकवाद पर जो एलान किए वो किसी भी तरह से पाकिस्तान को अच्छे नहीं लग सकते.
चाहे मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण की बात हो या फिर आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का एलान, पाकिस्तान को मिर्ची तो जरूर लगी होगी. ट्रंप से मुलाकात के बाद पीएम मोदी का यह कहना कि जब भारत और अमेरिका एक साथ आते हैं तो 1+1 = 11 बनाते हैं, 2 नहीं, पीएम मोदी के इस डायलॉग से पाकिस्तान की नींद उड़ना तय है.
ट्रंप ने किया भारत को F-35 देने का एलान
बता दें कि पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में दोनों देशों के बीच कई रक्षा समझौते भी हुए हैं और ट्रंप ने तो भारत को पांचवीं पीढ़ी का सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान F-35 तक देने का एलान कर दिया. भारत के राफेल खरीदने से पहले से ही परेशान चल रहे पाकिस्तान के लिए यह खबर निश्चित ही परेशान करने वाली है. हालांकि चीन पहले ही पाकिस्तान को अपना पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान J-35A देने की घोषणा कर चुका है. लेकिन अमेरिका का F-35 उससे कहीं ज्यादा एडवांस विमान है.
आतंकवाद पर सख्त मोदी और ट्रंप
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का एलान किया. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस फैसले को मंजूरी दी थी. भारत लंबे समय से राणा को सौंपने की मांग कर रहा था, जिससे अब न्याय की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. इसके अलावा अमेरिका और भारत ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला किया.
दोनों देशों ने आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने और वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियान में सहयोग बढ़ाने की बात कही. ट्रंप ने कहा कि कट्टरपंथी आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इसे रोकने के लिए दोनों देशों का गठबंधन महत्वपूर्ण होगा.
बांग्लादेश पर ट्रंप का रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पर सवाल पूछा गया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि 'अमेरिकी डीप स्टेट की इसमें कोई भूमिका नहीं है.' उन्होंने कहा कि यह मामला बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र में है और वह इसे उन्हीं के हाथों में छोड़ते हैं. ट्रंप का यह बयान बांग्लादेश के मोहम्मद युनूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो भारत के प्रति आक्रामक रुख अपना रहे हैं.
इसके अलावा, ट्रंप ने भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की और झड़पों को "भयानक" बताते हुए इसे रोकने की इच्छा जताई. उन्होंने चीन के प्रति सख्त रुख अपनाने का संकेत भी दिया, जिससे भारत को राजनयिक समर्थन मिलने की संभावना है.