PM हाउस में थी BMW, लेकिन 800 की मारुति पर छिड़कते थे जान; मनमोहन के बॉडीगार्ड रहे मंत्री ने बताया किस्सा
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, देशभर से श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है और लोग उनसे जुड़े यादगार किस्सों को साझा कर रहे हैं. इस बीच, योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण, जो करीब तीन साल तक उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (बॉडीगार्ड) रहे, असीम अरुण ने भी भी उनकी सादगी और व्यक्तित्व पर अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया है.;
26 दिसंबर, गुरुवार की सुबह 9 बजकर 51 मिनट पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. उनके निधन पर पूरे देश में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, देशभर से श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है और लोग उनसे जुड़े यादगार किस्सों को साझा कर रहे हैं. इस बीच, योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण, जो करीब तीन साल तक उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (बॉडीगार्ड) रहे, असीम अरुण ने भी भी उनकी सादगी और व्यक्तित्व पर अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
असीम अरुण ने सुनाई मारुति 800 की कहानी
तीन साल मनमोहन सिंह की सुरक्षा में तैनात रहे असीम अरुण ने एक किस्सा याद करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि, 'मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा. एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था. एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता. यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा. ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी.'
आगे उन्होंने लिखा कि, 'डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी. मनमोहन सिंह बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति). मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है. लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते. जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है. करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है.'
क्या संच में मनमोहन सिंह फेवरेट मारुति थी?
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए जाना जाता था, और इसका उदाहरण उनके वाहन चयन में भी झलकता था. बतौर वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री, उनकी पसंदीदा कार मारुति 800 थी। इसके पीछे कुछ खास वजहें थीं, जो उनकी विचारधारा और व्यक्तित्व को दर्शाती हैं. मारुति 800 उस दौर में भारत के मध्यम वर्ग की सबसे लोकप्रिय कार थी. इसे चलाना आसान था, और यह किफायती होने के साथ-साथ आम लोगों की पहुंच में थी. मनमोहन सिंह की सादगी और किफायत के प्रति झुकाव के कारण यह कार उन्हें बहुत पसंद थी.
कौन हैं UP के मंत्री असीम अरुण?
असीम अरुण ने मनमोहन सिंह के पसंदीदा कार के बारे में बताया है. कानपुर कमिश्नरेट बनने के बाद यहां पर आईपीएस असीम अरुण को कानपुर का पहला कमिश्नर बनाकर भेजा गया था. यहीं से जाने के बाद उन्होंने आईपीएस की नौकरी को अलविदा कहा और जनता की सेवा करने के लिए राजनीति में उतर गए. इस समय असीम अरुण उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. एक समय ऐसा भी था जब असीम अरुण एसपीजी में थे और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बॉडी गार्ड हुआ करते थे.