72 घंटे बाद भी SLBC सुरंग से नहीं निकाले जा सके 8 मजदूर, सरकार की कैसी है तैयारी? पढ़ें अब तक के 10 बड़े अपडेट
तेलंगाना में 22 फरवरी की सुबह नागरकुरनूल जिले में डोमलपेंटा के पास SLBC सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से के गिर जाने से फंसे 8 मजदूरों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सकता है. बताया जाता है कि लंबे अंतराल के बाद निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने चार दिन बाद यह हादसा हुआ. आइए, आपको अब तक 10 बड़े अपडेट बताते हैं...;
SLBC Tunnel Mishap Telangana: तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल (Srisailam Left Bank Canal Tunnel) के अंदर फंसे आठ मजदूरों को बचाने का अभियान जारी है. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आज (25 फरवरी) कहा कि एनडीआरएफ, नौसेना, सेना, राज्य सरकार के अधिकारी और कोयला खदान के कर्मचारी सभी एकजुट होकर एसएलबीसी सुरंग में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश सरकार को ऑपरेशन के लिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी 8 कर्मचारी सुरक्षित बाहर आ जाएं.
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने आज कहा कि बचाव एजेंसियां श्रमिकों को निकालने के प्रयास में जुटी हुई हैं. हम लोगों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मामले का राजनीतिकरण करने को लेकर विपक्ष की आलोचना की. उन्होंने कहा कि केवल एक तरफ से निकास होने के कारण यह ऑपरेशन सबसे कठिन है. आइए, जानते हैं अब तक 10 बड़े अपडेट...
SLBC Canal Tunnel Mishap के अब तक के 10 बड़े अपडेट
एसएलबीसी सुरंग दुर्घटना पर मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि 44 किलोमीटर लंबी SLBC सुरंग तेलंगाना के लोगों और किसानों के लिए एक वरदान होगी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे चाहते हैं कि हर चीज पर राजनीति हो? यह शर्मनाक है. जो कोई भी इस ऑपरेशन की आलोचना कर रहा है, उसे शर्म आनी चाहिए.
- मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रैट माइनर्स को लगता है कि यह दुनिया का सबसे कठिन ऑपरेशन है. ये वही रैट माइनर्स हैं, जो पिछले साल 31 अक्टूबर को उत्तराखंड में उत्तरकाशी सुरंग ढहने के सफल बचाव अभियान का हिस्सा थे.
- उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार ऑपरेशन की निगरानी कर रही है. इस सुरंग का केवल एक तरफ से निकास है. उन्होंने बताया कि यह घटना संभवतः भूगर्भीय बदलाव के कारण हुई है.
- मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना, भारतीय नौसेना के MARCOS कमांडो, NDRF, SDRF, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) सहित 10 एजेंसियां इस ऑपरेशन के लिए एक साथ आई हैं. हम सभी इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं.
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक केटी रामा राव ने कहा कि हमने देखा है कि सनकीशाला परियोजना की पूरी रिटेनिंग वॉल गिर गई, जिससे सैकड़ों करोड़ का नुकसान हुआ. इसी तरह, एसएलबीसी ने बैंक कैनाल टनल को छोड़ दिया, जो दुर्भाग्य से ढह गई और पिछले 72 घंटों से लगभग आठ लोग फंसे हुए हैं.
केटी रामाराव ने कहा कि हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत हाईकोर्ट के एक मौजूदा जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन करे और सुनिश्चित करे कि हर एक तथ्य सामने आए... क्योंकि ऐसी कहानियां और अफ़वाहें हैं और मीडिया और विपक्षी दलों द्वारा भी जानकारी मिल रही है कि सरकार ने चार साल बाद काम फिर से शुरू करने से पहले किसी भी तरह के वैज्ञानिक उपाय नहीं किए.
नागरकुरनूल जिला कलेक्टर बदावथ संतोष ने कहा कि हमने सिल्कयारा सुरंग के अंदर काम करने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ कर्मियों और रैट माइनर्स की एक टीम को सुरंग के अंदर भेजा है. आखिरी 40 मीटर का हिस्सा कीचड़ से भरा हुआ है. टीम अतिरिक्त मशीनें लेकर गई है. वह अंदर फंसे लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है.
नागरकुरनूल के एसपी वैभव गायकवाड़ ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ कर्मियों और रैट माइनर्स की एक टीम सुरंग के अंदर गई है. इंजन 12 किमी तक जा रहा है, लेकिन अगले 1.5 किमी हिस्से में पानी है. हमने पानी के पंप अंदर भेजे हैं और रेलवे ट्रैक से मलबा साफ करेंगे, ताकि इंजन 13.5 किमी के निशान तक पहुंच सके.
विधायक चिक्कुडु वामशी कृष्णा ने कहा कि एक्सपर्ट कल साइट पर आए थे और भूगर्भीय सर्वेक्षण भी कर रहे थे. उन्होंने पाया कि टीबीएम (सुरंग बोरिंग मशीन) टूटी होने के कारण बहुत अधिक कीचड़ है, जो हर दिन बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार समय-समय पर स्थिति की निगरानी कर रही है.
एसएलबीसी सुरंग ढहने पर कांग्रेस भुवनागिरी के सांसद चामला किरण कुमार ने कहा कि सरकार श्रमिकों को बचाने के लिए अथक प्रयास कर रही है. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, जुपल्ली कृष्ण राव और कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी स्थिति पर नज़र रख रहे हैं. बचाव दल मलबा हटाने का काम कर रहे हैं। हमें इस घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए पीएम मोदी और हमारे नेता राहुल गांधी का फोन आया है, हम सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
22 फरवरी को टनल में फंसे 8 मजदूर
बता दें कि 22 फरवरी की सुबह तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में डोमलपेंटा के पास SLBC सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से की छत का तीन मीटर हिस्सा 14 किलोमीटर के निशान पर ढह गया. यह हादसा लंबे अंतराल के बाद निर्माण कार्य फिर से शुरू होने के ठीक चार दिन बाद हुआ. कुछ मजदूर भागने में सफल रहे, जबकि आठ मजदूर फंस गए.
इससे पहले, बचाव अभियान के लिए सोमवार को नागरकुरनूल (SLBC) सुरंग में एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे लाए गए थे. ऑपरेशन में सहायता के लिए NDRF डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया गया है. भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) ने मलबे को साफ करने और ध्वस्त सुरंग से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अपने उपकरण और चिकित्सा दल तैनात किए.