वो पढ़ना चाहती थी...लापरवाही ने ले ली जान! तेलंगाना के SC/ST स्कूल में अब तक 49 बच्चों ने तोड़ा दम

Telangana food poisoning: राज्य सरकार ने फूड प्वाइजनिंग की घटनाओं से निपटने के लिए समितियों के गठन का आदेश दिया है, जबकि तेलंगाना के दो मंत्रियों ने दावा किया है कि ये मौतें विपक्षी बीआरएस की ओर से रची गई साजिश से जुड़ी हैं.;

Telangana food poisoning(Image Source:  x.com/revathitweets )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 30 Nov 2024 3:58 PM IST

Telangana food poisoning: 16 साल की शैलजा ने बड़े-बड़े सपने देखे थे. वह तब तक पढ़ना चाहती थी, जब तक परिवार इसका खर्च उठा सके. शैलजा का भाई उसे इस तरह ही याद करता है. शैलजा उन 60 बच्चों में शामिल थीं, जो 28 अक्टूबर को स्कूल में दोपहर के भोजन के बाद बीमार पड़ गए थे. बच्चों के साथ दर्दनाक हादसे ने सबको हैरान कर दिया है. फूड प्वाइजनिंग से 60 में से अब तक 49 का मौत हो चुकी है.

शैलजा के भाई सी नवनीत बताते हैं कि उसने हमारे पिता से वादा किया था कि जब तक वह हायर एजुकेशन पूरी नहीं कर लेती, तब तक वे उस पर शादी करने का दबाव नहीं डालेंगे. वह साइंस और इंजीनियरिंग के बारे में बात करती थी. तेलंगाना के कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले के वानकीडी मंडल में सरकारी आवासीय विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग होने के बाद उसके सपने चकनाचूर हो गया.

49 बच्चों की मौत

फूड प्वाइजनिंग के बाद एक महीने तक अस्पताल में रहने के बाद, 25 नवंबर को उसकी मृत्यु हो गई. TSWREIS 268 आवासीय शैक्षणिक संस्थान चलाता है जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को शिक्षा देती है. 30 आत्महत्या से, पांच फूड प्वाइजनिंग के कारण और 14 अन्य बीमारियों के कारण 49 बच्चों की मौत ने स्कूल को जांच के घेरे में ला दिया है.

सैलजा की मौत है, जिसने शायद व्यवस्था को सबसे अधिक हिला दिया है, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जिला कलेक्टरों और शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाई है. राज्य सरकार ने फूड प्वाइजनिंग की घटनाओं से निपटने के लिए समितियों के गठन का आदेश दिया है, जबकि तेलंगाना के दो मंत्रियों ने दावा किया है कि मौतें विपक्षी बीआरएस की रची गई साजिश से जुड़ी हैं.

'पहले भी शिकायतें हुई हैं'

शैलजा के पिता चौधरी तुकाराम ने स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया. उनका कहना है कि 28 अक्टूबर को कई छात्राओं को उल्टी होने लगी तो स्कूल ने उन्हें बिना बताए सैलजा को अस्पताल ले गया. शैलजा माली समुदाय की उन मुट्ठी भर लड़कियों में से हैं, जो राज्य में पिछड़ा वर्ग सूची की श्रेणी डी में आती हैं और स्कूल जाती हैं. तुकाराम कहते हैं, स्कूल की लापरवाही के कारण हमने अपने समुदाय की एक होनहार लड़की खो दी.'

अकेलापन बन रहा है बच्चों की मौत की वजह

स्कूल शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा कि रसोइये और भोजन परोसने वाले मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहे थे. आत्महत्या की बड़ी संख्या पर एक अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें अकेलापन एक प्रमुख कारण है. बुधवार को एक 14 वर्षीय लड़के ने अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली. उसे हाल ही में वानापर्थी जिले के मद्दनपुर आवासीय विद्यालय में भर्ती कराया गया था.

मौतों पर राजनीति

जहां सैलजा की मौत के बाद सीएम रेड्डी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, वहीं उनकी पार्टी राजनीति कर रही है. गुरुवार को रेड्डी ने जिला कलेक्टरों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और उनसे कहा कि वे छात्रों को अपने जैसा समझें. तेलंगाना सरकार ने दो पैनल गठित करने का भी आदेश दिया है – एक संस्था-स्तरीय खाद्य सुरक्षा समिति और एक टास्क फोर्स समिति.

तेलंगाना की महिला और बाल कल्याण मंत्री डी अनसूया और बीसी कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने शुक्रवार को कहा कि आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में खाद्य विषाक्तता के मामलों के पीछे कथित तौर पर विपक्षी बीआरएस की साजिश है.

बीआरएस का पलटवार

बीआरएस नेता दासोजू श्रवण ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार इस मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रही है. श्रवण ने कहा, 'फूड प्वाइजनिंग को बीआरएस नेताओं के कथित करीबी कर्मचारियों से जोड़ना कांग्रेस मंत्रियों का पागलपन, अमानवीय और निर्दयीपन है. वे रसोई के नियमित निरीक्षण और भोजन की गुणवत्ता की जांच की कमी को छिपाने की बुरी तरह कोशिश कर रहे हैं.'

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