आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त, 'दिल्‍ली-NCR से 8 हफ्तों में नसबंदी कर शेल्टर होम भेजें' - 10 बातें

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर पकड़कर स्थायी शेल्टर में रखने का आदेश दिया है. अदालत ने निर्देश दिया कि एक बार शेल्टर में लाए गए कुत्तों को दोबारा सड़क पर न छोड़ा जाए. दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनडीएमसी को मिलकर पर्याप्त शेल्टर बनाने के लिए कहा गया. कोर्ट ने रेबीज़ रोकने, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा अभियान में बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.;

( Image Source:  Sora AI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 11 Aug 2025 2:23 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते आवारा कुत्तों के खतरे पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने आदेश दिया है कि अगले आठ हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर स्थायी शेल्टर होम में रखा जाए, और एक बार शेल्टर में ले जाने के बाद उन्हें दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा. अदालत ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनडीएमसी को मिलकर पर्याप्त संख्या में शेल्टर सुविधाएं विकसित करने का निर्देश दिया, ताकि सार्वजनिक स्थानों से कुत्तों को हटाकर सुरक्षित वातावरण बनाया जा सके.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. अदालत ने यह कदम छोटे बच्चों, बुजुर्गों और आम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है, ताकि वे कुत्तों के हमलों और रेबीज़ जैसी जानलेवा बीमारियों से बच सकें. पिछले महीने अदालत ने स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए यह मुद्दा उठाया था, जब मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि राजधानी और आसपास के इलाकों में हर दिन सैकड़ों कुत्तों के काटने की घटनाएं हो रही हैं. आइए इस फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें जान लेते हैं.

  1. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को अधिकतम आठ हफ्तों के भीतर पकड़कर निर्धारित शेल्टर होम्स में स्थायी रूप से रखा जाए, ताकि सड़कों से उनका खतरा खत्म हो.
  2. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक बार किसी आवारा कुत्ते को शेल्टर में ले जाने के बाद उसे किसी भी स्थिति में वापस सड़कों, कॉलोनियों या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाएगा.
  3. दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनडीएमसी को मिलकर समयबद्ध तरीके से पर्याप्त संख्या में आधुनिक और मानवीय सुविधाओं से युक्त स्थायी डॉग शेल्टर बनाने के लिए निर्देशित किया गया है.
  4. अदालत ने कहा कि शिशुओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों की जान को आवारा कुत्तों के हमलों से हर हाल में बचाना होगा और इसके लिए ठोस एवं प्रभावी उपाय किए जाएं.
  5. कोर्ट ने चेताया कि रोजाना होने वाले डॉग बाइट्स और उसके कारण फैलने वाले रेबीज़ के मामलों को तत्काल रोकना जरूरी है, जिससे जानलेवा स्थितियां पैदा न हों.
  6. सुप्रीम कोर्ट ने सभी नगरपालिका निकायों, स्थानीय प्रशासन और संबंधित सरकारी एजेंसियों को आपसी समन्वय और सहयोग के साथ इस अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने का आदेश दिया.
  7. अदालत ने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति, संस्था या संगठन आवारा कुत्तों को पकड़ने और शेल्टर में भेजने की प्रक्रिया में बाधा डालेगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी.
  8. कोर्ट ने कहा कि शेल्टर में कुत्तों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और मानवीय वातावरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि उनका कल्याण भी हो और जनता भी सुरक्षित रहे.
  9. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरी प्रक्रिया पर सख्ती से निगरानी रखी जाएगी और सभी एजेंसियों को आदेश का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा.
  10. अदालत ने यह मामला suo motu संज्ञान में लिया, क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स में रोजाना सैकड़ों कुत्तों के काटने और रैबीज़ से मौत की घटनाओं का खुलासा हुआ था.

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