क्या हिंदू बोर्ड में मुस्लिम सदस्य होगा... वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बोला SC, 10 बड़ी बातें
सुप्रीम कोर्ट ने आज वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर 73 याचिकाओं पर सुनवाई की. यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने की. बेंच ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या किसी हिंदू बोर्ड में मुस्लिम सदस्य को शामिल किया जाएगा. यदि नहीं, तो इसे कहिए. आइए, सुनवाई से जुड़ी 10 प्रमुख बातें जानते हैं...;
Supreme Court hearing Waqf : सुप्रीम कोर्ट ने वक्त (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई की. इस दौरान उसने नए अधिनियम के कई प्रावधानों, खासकर 'यूज़र द्वारा वक्फ' (Waqf by User) संपत्तियों के प्रावधानों पर कड़े सवाल पूछे. इसके साथ ही, कोर्ट ने गैर मुस्लिमों को केंद्रीय वक्फ परिषद में शामिल करने के प्रावधान पर भी सवाल उठाए और सरकार से पूछा, "क्या आप यह कह सकते हैं कि हिंदू बोर्डों में मुसलमान होंगे? यदि नहीं, तो स्पष्ट रूप से कहें."
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथ की पीठ ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर 73 याचिकाओं पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि दो सवालों पर विचार किया जाना चाहिए. पहला यह कि क्या शीर्ष अदालत याचिकाओं को हाईकोर्ट भेजेगी और दूसरा, याचिकाकर्ता किन बिंदुओं पर बहस करना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की 10 बड़ी बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे, खासतौर पर नए वक्फ कानून में "यूज़र के आधार पर वक्फ" (Waqf by user) से जुड़ी धाराओं को लेकर.
- नए कानून में गैर-मुस्लिमों को सेंट्रल वक्फ काउंसिल में शामिल करने का प्रावधान है, जिस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा – "क्या आप मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में भी शामिल करेंगे?"
- मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई करते हुए कहा कि हमें बताया गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट वक्फ भूमि पर बना है. हम यह नहीं कह रहे हैं कि उपयोगकर्ता द्वारा सभी वक्फ गलत है, लेकिन वास्तविक चिंता है.
- कोर्ट ने पूछा- वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर इन याचिकाओं को क्या हाई कोर्ट भेजा जाए... और याचिकाकर्ता किन-किन मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं?
- वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नया कानून संविधान के अनुच्छेद 26 (धार्मिक मामलों के संचालन की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर को कानून में बहुत शक्तियां दी गई हैं. अगर वही न्याय का कार्य करेगा, तो यह असंवैधानिक है.
- "Waqf by User" का मतलब है- अगर कोई संपत्ति लंबे समय से धार्मिक या सामाजिक कार्यों में इस्तेमाल हो रही है, तो उसे वक्फ माना जाता है, भले ही कोई कागज़ी सबूत न हो.
- नए कानून में कहा गया है कि अगर जमीन विवादित है या सरकारी है, तो उस पर 'वक्फ बाय यूज़र' लागू नहीं होगा. सिब्बल बोले – "3,000 साल पुरानी वक्फ संपत्ति के लिए अब 'डीड' कैसे दिखाएं?"
- अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि देश में करीब 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से आधी 'यूज़र के आधार पर वक्फ' हैं. कोर्ट ने भी माना कि ऐसी संपत्तियों को पूरी तरह अमान्य करना सही नहीं होगा.
- कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इन्हें डीनोटिफाई करती है, तो इससे गंभीर समस्याएं होंगी. साथ ही कोर्ट ने कहा - "इस कानून में कुछ अच्छाइयां भी हैं, उन्हें भी उजागर करना ज़रूरी है."
- मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वक्फ कानून में सकारात्मक बिंदुओं को उजागर किया जाना चाहिए. मामले की कल फिर सुनवाई होगी.