सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में पटाखों पर बैन की वकालत की, कहा - सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं होना चाहिए प्रतिबंध - 10 बड़ी बातें

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध सिर्फ दिल्ली या एनसीआर तक सीमित नहीं होना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ हवा हर नागरिक का अधिकार है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अमृतसर जैसे शहरों में प्रदूषण और ज्यादा है, इसलिए नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए. कोर्ट ने NEERI से परामर्श लेकर पटाखों की संरचना तय करने का सुझाव दिया और CAQM से रिपोर्ट मांगी. अगली सुनवाई 22 सितंबर 2025 को होगी। यह मामला पर्यावरण और समान अधिकार से जुड़ा है.;

( Image Source:  Sora AI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 12 Sept 2025 3:57 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में लगाए गए पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर अहम टिप्पणी की. मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने कहा कि केवल दिल्ली के लिए नीति नहीं बनाई जा सकती क्योंकि वहां “एलीट नागरिक” रहते हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों को साफ हवा का अधिकार है तो यह अधिकार देश के अन्य हिस्सों के लोगों को भी मिलना चाहिए.

CJI गवई ने कहा, “अगर एनसीआर के शहरों को साफ हवा का अधिकार है तो अन्य शहरों के लोगों को क्यों नहीं? कोई भी नीति बनती है तो वह पूरे देश में लागू होनी चाहिए. केवल इसलिए कि दिल्ली में एलीट लोग रहते हैं, वहां के लिए अलग नीति नहीं बनाई जा सकती.” उन्होंने यह भी कहा कि वे पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गए थे, जहां प्रदूषण की स्थिति दिल्ली से भी बदतर थी. ऐसे में अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है तो यह पूरे देश में लागू होना चाहिए. इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें जान लेते हैं.

  1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा - केवल दिल्ली के लिए पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि वहां “एलीट नागरिक” रहते हैं.
  2. कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा मिल सकती है तो बाकी शहरों के लोगों को भी मिलनी चाहिए.
  3. राष्ट्रीय स्तर पर नीति चाहिए - कोई भी प्रतिबंध या नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए, सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं.
  4. अमृतसर का उदाहरण - CJI ने बताया कि अमृतसर में प्रदूषण दिल्ली से भी ज्यादा है, इसलिए केवल दिल्ली पर रोक उचित नहीं.
  5. एलीट नागरिक प्रदूषण से बचते हैं - कोर्ट में कहा गया कि सम्पन्न लोग प्रदूषण बढ़ने पर शहर छोड़ देते हैं, जिससे नीति असमान हो जाती है.
  6. NEERI से परामर्श - कोर्ट ने सुझाव दिया कि पटाखों में किस तरह की सामग्री इस्तेमाल हो, इसे तय करने के लिए NEERI से राय ली जाए.
  7. CAQM से रिपोर्ट मांगी गई - अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया गया.
  8. पुराना आदेश बरकरार - 3 अप्रैल के आदेश में कोर्ट ने पटाखों के निर्माण और बिक्री पर लगी रोक को जारी रखा था.
  9. अगली सुनवाई - कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर 2025 की तारीख तय की है.
  10. पर्यावरण और समानता का संदेश - कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण संरक्षण किसी एक वर्ग का मुद्दा नहीं बल्कि पूरे देश का अधिकार है.

Similar News