Sardar Vallabhbhai Patel: राष्ट्र एकता के सूत्रधार और 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में 10 अनसुनी बातें

Sardar Vallabhbhai Patel: सरदार वल्लभभाई पटेलका जन्म 1875 में गुजरात के नाडियाड में हुआ था. वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे. अपने असाधारण नेतृत्व और राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता के लिए उन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में याद किया जाता है.;

Sardar Vallabhbhai Patel
Edited By :  सचिन सिंह
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Sardar Vallabhbhai Patel birth anniversary: राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मनाया जाता है. अखंड भारत की नींव रखने में भारत के पहले गृह मंत्री के अविश्वसनीय योगदान को आज पूरा देश याद कर रहा है. उनकी दूरदर्शिता और कुशाग्रता के कारण ही था कि 550 से अधिक रियासतों का भारतीय संघ में विलय हुआ और देश एकजुट हुआ.

आइए जानते हैं सरदार वल्लभभाई पटेल के 10 अनजानी बातें-

  1. सरदार वल्लभभाई पटेल खेड़ा जिले के कारमसद में रहने वाले झावेर भाई और लाडबा पटेल की चौथी संतान थे. 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. वल्लभ भाई की शादी झबेरबा से हुई. हालांकि, एक संतान के बाद जल्दी ही पत्नी की मृत्यु हो गई थी.
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 1875 में गुजरात के नाडियाड में हुआ था और वे पेशे से वकील थे. वे 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और जल्दी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक बन गए.
  3. 36 साल की उम्र में पटेल इंग्लैंड गए और बैरिस्टरों के लिए एक प्रतिष्ठित लॉ स्कूल मिडिल टेम्पल इन में दाखिला लिया. कॉलेज का कोई पूर्व अनुभव न होने के बावजूद उन्होंने 36 महीने का कोर्स सिर्फ 30 महीने में पूरा किया और अपने बैच के टॉप स्टूडेंट रहें.
  4. फरवरी 1913 में भारत लौटकर वे अहमदाबाद में बस गए और अहमदाबाद बार में आपराधिक कानून के अग्रणी बैरिस्टर बन गए. वे अपने बेहतरीन व्यवहार, अपने स्मार्ट, अंग्रेजी शैली के कपड़ों और अहमदाबाद के फैशनेबल गुजरात क्लब में ब्रिज में अपनी चैंपियनशिप के लिए जाने जाते थे.
  5. पटेल 1945-46 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए अग्रणी उम्मीदवार थे, लेकिन गांधी ने एक बार फिर नेहरू के चुनाव में हस्तक्षेप किया. कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वायसराय ने अंतरिम सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.
  6. सरदार वल्लभभाई  पटेल गांधीजी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गये और पश्चिम भारत का दौरा कर 300,000 से अधिक सदस्यों की भर्ती की तथा पार्टी कोष के लिए 15 लाख रुपये से अधिक धनराशि जुटाई थी.
  7.  1947 के बाद भारतीय स्वतंत्रता के पहले तीन साल के दौरान उन्होंने उप प्रधान मंत्री , गृह मंत्री, सूचना मंत्री और राज्यों के मंत्री के रूप में कार्य किया.
  8. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण 2018 में सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि के रूप में किया गया था.
  9. भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने मनाया था. यह दिवस पटेल की विरासत का सम्मान करने और राष्ट्रीय एकता और एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.
  10. राष्ट्रीय एकता दिवस राष्ट्रीय एकता और एकीकरण के महत्व की याद दिलाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की संस्कृति, धर्म और भाषाएं हैं. 

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