सियासी साजिश या निजी फायदा! लद्दाख में कैसे Gen-Z की 'क्रांति' की हुई शुरुआत? अब तक 4 की मौत 50 से अधिक घायल- Top Update
लेह, लद्दाख में बुधवार को राज्य बनने और छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर शुरू हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय और सीआरपीएफ वैन में आग लगा दी. इस हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 22 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. प्रशासन ने हालात काबू में करने के लिए लेह में कर्फ्यू और बीएनएसएस की धारा 163 के तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी.;
लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 22 पुलिसकर्मी शामिल हैं. इसी बीच, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिनों से चल रहा अपना भूख हड़ताल खत्म करने का एलान किया. उन्होंने अपील की कि युवा हिंसा का रास्ता छोड़ें और आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाएं.
प्रदर्शन के दौरान बीजेपी दफ्तर और कई वाहनों में आगजनी की गई. पुलिस को हालात काबू में लाने के लिए हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत धारा लागू कर दी, जिससे पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लग गई. इस बीच, कांग्रेस पार्षद फुंतसोग स्टान्जिन त्सेपग पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
क्यों भड़के लद्दाख के लोग?
लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा इकाई ने प्रदर्शन का आह्वान तब किया जब भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो त्सेरिंग अंगचुक (72) और ताशी डोल्मा (60) की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा. यह घटना हिंसा भड़कने का ट्रिगर बनी.
भूख हड़तालियों की चार मुख्य मांगें हैं -
- पूर्ण राज्य का दर्जा.
- छठी अनुसूची का विस्तार.
- लेह और कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें.
- रोजगार में आरक्षण.
सोनम वांगचुक ने क्या कहा?
सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल तोड़ते हुए कहा कि 'मैं लद्दाख के युवाओं से अपील करता हूं कि हिंसा तुरंत बंद करें. इससे हमारे मकसद को ही नुकसान होगा और हालात और बिगड़ेंगे. यह लद्दाख और मेरे जीवन का सबसे दुखद दिन है. पांच साल से हमने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया, लेकिन आज यह हिंसक हो गया.' उन्होंने आगे कहा कि 'हम अपनी भूख हड़ताल तुरंत खत्म कर रहे हैं क्योंकि अगर युवा अपनी जान गंवाते हैं तो इस अनशन का कोई मतलब नहीं रह जाता. बातचीत को शांति और संयम से आगे बढ़ाना जरूरी है. सरकार को भी हमारी शांति की पुकार सुननी चाहिए.'
सरकार का पक्ष
केंद्र सरकार ने कहा कि वह लद्दाख के युवाओं और जनता के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. सूत्रों का कहना है कि हालात अचानक नहीं बिगड़े, बल्कि कुछ व्यक्तियों की राजनीति और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के चलते इस स्थिति को जन्म दिया गया. सरकारी सूत्रों ने दावा किया. 'लद्दाख के युवा भटकाए गए हैं. उन्हें एक साजिश में फंसाकर हिंसा की तरफ धकेला गया. यह सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश है.' केंद्र ने 6 अक्टूबर को गृहमंत्रालय और लद्दाख प्रतिनिधियों (LAB और KDA) के बीच नई बैठक तय की है.
छठी अनुसूची क्या है?
भारतीय संविधान की छठी अनुसूची फिलहाल पूर्वोत्तर के चार राज्यों त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और असम पर लागू है. इसके तहत आदिवासी क्षेत्रों को विशेष स्वशासन की सुविधा मिलती है, जिसमें स्थानीय निकाय, वैकल्पिक न्यायिक व्यवस्था और वित्तीय अधिकार शामिल हैं. लद्दाख में लोग लंबे समय से इस प्रावधान की मांग कर रहे हैं.
लद्दाख की पृष्ठभूमि
लद्दाख भारत का सीमावर्ती ठंडा रेगिस्तान है, जहां करीब 3 लाख लोग रहते हैं. इनमें लगभग आधे मुस्लिम और 40% बौद्ध हैं. 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. लेकिन अब तक छठी अनुसूची लागू करने का वादा पूरा नहीं हुआ है. 2020 में लद्दाख ही वह इलाका था, जहां भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में खूनी झड़प हुई थी.
लद्दाख में जेनरेशन Z के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कैसे हुई?
- भूख हड़ताल से हिंसा तक: सोनम वांगचुक के नेतृत्व में शुरू हुई शांतिपूर्ण भूख हड़ताल जेनरेशन Z के युवा प्रदर्शनकारियों के गुस्से के बाद हिंसक मोड़ पर पहुंची.
- मुख्य मांगें: राज्य निर्माण, छठी अनुसूची का विस्तार, अलग लोकसभा सीट और रोजगार में आरक्षण.
- प्रमुख संगठन: लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने आंदोलन का नेतृत्व किया.
- बीजेपी बनाम कांग्रेस: बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं पर युवाओं को भड़काने और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया.
- सरकार की प्रतिक्रिया: केंद्र ने स्थिति को नियंत्रित करने और संवाद के लिए अक्टूबर 6 को बैठक तय की.