पाकिस्तान POK खाली करे, J&K पर तीसरे पक्ष का दखल देना ठीक नहीं; भारत ने इशारों- इशारों में ट्रंप को सुनाया- VIDEO

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा. इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 13 May 2025 6:26 PM IST

विदेश मंत्रालय (MEA) के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने भारत-पाकिस्तान संबंधों, सिंधु जल संधि, ऑपरेशन सिंदूर, और परमाणु युद्ध की अटकलों पर विस्तार से बयान दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा. इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि, "7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही. इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा दिए गए ताज़ा बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि हमने पाकिस्तान की ओर से दिया गया बयान देखा है. एक ऐसा देश जिसने आतंकवाद को औद्योगिक स्तर पर पाला-पोसा है, अगर यह सोचता है कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, तो वह खुद को ही धोखा दे रहा है. भारत द्वारा नष्ट किए गए आतंकी ढांचे केवल भारतीयों की ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे. अब हालात बदल चुके हैं- एक नया सामान्य बन चुका है. पाकिस्तान जितनी जल्दी इस सच्चाई को समझेगा, उसके लिए उतना ही बेहतर होगा.

सिंधु जल संधि को किया गया निलंबित रंणधीर जायसवाल ने कहा, 'कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के निर्णय के बाद सिंधु जल संधि को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है. यह संधि पहले आपसी सद्भावना और मित्रता की भावना में की गई थी, जैसा कि इसके प्रारंभिक वक्तव्य में उल्लेख है. लेकिन बीते कई दशकों से पाकिस्तान ने इस भावना का उल्लंघन करते हुए सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. अब भारत का यह निर्णय है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह और विश्वसनीय रूप से नहीं छोड़ता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी. साथ ही, जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि और तकनीकी बदलावों ने ज़मीनी हकीकत को पूरी तरह बदल दिया है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री के दावों पर प्रतिक्रिया जायसवाल ने कहा 'पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरिदके, मुज़फ्फराबाद जैसे इलाकों में मौजूद आतंकी ढांचे नष्ट कर दिए गए. इसके बाद पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को काफी नुकसान पहुंचा और उनके कई एयरबेस निष्क्रिय कर दिए गए. अगर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इन घटनाओं को 'उपलब्धि' बताना चाहते हैं तो यह उनकी पसंद है.

भारत की स्थिति शुरू से साफ रही है- हम केवल आतंकी ढांचे को निशाना बनाएंगे। अगर पाकिस्तानी सेना खुद को इससे दूर रखती, तो कोई समस्या नहीं होती, लेकिन उन्होंने गोलीबारी की, इसलिए हमने जवाब दिया. 9 मई की रात तक पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की धमकी दे रहा था. लेकिन 10 मई की सुबह उनके प्रयास विफल होने और भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद, उनका रुख बदल गया और अंततः उनके DGMO ने भारत से संपर्क साधा.

परमाणु युद्ध की अटकलों पर अमेरिका को जवाब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु युद्ध की आशंका जताए जाने पर MEA प्रवक्ता ने कहा कि 'भारत की सैन्य कार्रवाई पूरी तरह पारंपरिक (conventional) दायरे में थी. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी खुद इस मुद्दे पर परमाणु विकल्प से इनकार किया है. भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है कि वह न तो किसी परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकेगा और न ही आतंकवाद को इस बहाने से बर्दाश्त करेगा. हमने विभिन्न देशों से बातचीत में यह भी कहा है कि अगर वे इस तरह के अटकलों को हवा देते हैं, तो इसका नुकसान उन्हें खुद उनके क्षेत्र में भुगतना पड़ सकता है.'

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