बातचीत के लिए बार-बार भीख मांग रहा पाकिस्तान, लेकिन भारत भी नहीं दे रहा रत्ती पर भाव; अब अमेरिका के सामने रोया!

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका के सामने एक बार फिर भारत से बातचीत की गुहार लगाई है, जिसमें कश्मीर, सिंधु जल समझौता, व्यापार और आतंकवाद जैसे मुद्दे शामिल हैं. हालांकि भारत पहले ही साफ कर चुका है कि बातचीत सिर्फ PoK और आतंकवाद पर होगी. शरीफ की यह अपील अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बातचीत के दौरान आई.;

भारत-पाक रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की एक और कोशिश करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को भारत के साथ जम्मू-कश्मीर, सिंधु जल संधि, आतंकवाद और व्यापार जैसे सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत की पेशकश की. शरीफ ने यह प्रस्ताव अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बातचीत के दौरान रखा. इस बातचीत का ब्यौरा पाकिस्तान के सरकारी चैनल पीटीवी ने अपने आधिकारिक X अकाउंट से साझा किया है.

शरीफ ने बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता और रुबियो की कूटनीतिक पहल भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम समझौते में मददगार रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए भारत-पाक के बीच सार्थक संवाद आवश्यक है.

बातचीत के बहाने एक बार फिर उठा कश्मीर मुद्दा

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ कहा कि भारत के साथ सार्थक और समग्र वार्ता होनी चाहिए जिसमें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी शामिल हो. उन्होंने इस क्षेत्रीय तनाव को केवल बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाने की बात दोहराई. भारत कई बार दोहरा चुका है कि पाकिस्तान से बातचीत केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की वापसी और आतंकवाद पर ही होगी. बाकी मुद्दों को भारत कोई मान्यता नहीं देता। शरीफ की हालिया पेशकश को नई शुरुआत नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे एक 'डिप्लोमैटिक ड्रामा' माना जा रहा है.

ईरान-इज़राइल युद्ध पर भी हुई चर्चा

बातचीत में शरीफ ने ईरान-इज़राइल युद्ध पर चिंता जताई और कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए खतरनाक संकेत है. उन्होंने अमेरिका से अपील की कि वह शांति स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाए. साथ ही पाकिस्तान की ओर से भी रचनात्मक भूमिका निभाने की पेशकश की. शरीफ ने अमेरिका के साथ व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खनन और आईटी सेक्टर में सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई. उन्होंने ट्रंप के व्यापार-प्रमुख दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि दोनों देशों को परस्पर लाभकारी साझेदारी पर काम करना चाहिए.

आतंकवाद पर पाकिस्तान का दावा और अमेरिका की प्रतिक्रिया

शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान चरमपंथी संगठनों के खिलाफ पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इस पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने पाकिस्तान की कोशिशों की सराहना करते हुए भरोसा दिलाया कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ हरसंभव सहयोग देगा. उन्होंने भारत-पाक संघर्षविराम समझौते को बनाए रखने में पाकिस्तान की भूमिका की भी तारीफ की.

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