VIDEO: ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने कितने विमान खोए? अनिल चौहान ने बताया पूरा सच, CDS के बयान पर उठे कई सवाल

भारत ने पहली बार स्वीकार किया है कि मई में पाकिस्तान के साथ टकराव के दौरान उसके कुछ फाइटर जेट्स गिराए गए थे, हालांकि संख्या स्पष्ट नहीं की गई. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि "जरूरी ये नहीं कि कितने विमान गिरे, अहम ये है कि क्यों गिरे?;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 31 May 2025 6:20 PM IST

क्या सच में पाकिस्तान ने भारत के फाइटर जेट गिराए? अगर हां, तो कितने? और सबसे अहम सवाल-वे जेट आखिर क्यों गिरे? क्या हमारी रणनीति में कोई चूक थी? क्या हमारे पायलटों को पूरी जानकारी नहीं दी गई थी? या फिर पाकिस्तान की तकनीक इस बार वाकई बेहतर निकली? पहली बार भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने स्वीकार किया है कि भारत ने कुछ जेट गंवाए हैं. लेकिन उन्होंने कहा–'मुद्दा संख्या का नहीं, गलती की पहचान और सुधार का है." तो क्या अब असल जवाब सामने आ रहा है या फिर कुछ और छिपा है?

कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि, CDS अनिल चौहान ने एक इंटरव्यू में कहा कि'यह महत्वपूर्ण नहीं कि फाइटर जेट गिरे, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आखिर वह क्यों गिरे? और उसके बाद हमने क्या किया. इस बयान में यह माना गया कि हमें फाइटर जेट का नुकसान हुआ है. फिर मोदी सरकार इस बात को क्यों छिपा रही है?

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि मई में पाकिस्तान के साथ हुई भिड़ंत में भारत के कुछ फाइटर जेट्स नष्ट हुए. हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान के छह भारतीय विमान गिराने के दावे को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि असली मुद्दा संख्या नहीं, बल्कि उससे सीखे गए सबक हैं.

जनरल चौहान सिंगापुर में शांग्री-ला डायलॉग के दौरान ब्लूमबर्ग टीवी को इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 'यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कितने जेट गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे. हमने गलती को पहचाना, सुधार किया और दो दिन बाद दोबारा सभी जेट मिशन पर भेजे और इस बार सटीक लंबी दूरी के टारगेट पर हमला किया. जब उनसे पूछा गया कि भारत ने कितने फाइटर जेट गंवाए, तो उन्होंने साफ कहा - 'संख्या जरूरी नहीं है'

पाकिस्तान के दावे 'गलत', चीन की मदद “बेनतीजा”

पाक प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने हाल ही में दावा किया था कि पाकिस्तान ने छह भारतीय फाइटर जेट गिराए हैं. भारत ने पहले इस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। अब जनरल चौहान ने इसे "बिल्कुल गलत दावा" बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को चीन से जो हथियार और सैटेलाइट सहायता मिली, वह व्यावहारिक रूप से बेअसर रही. “हमने पाकिस्तान की भारी एयर डिफेंस वाली एयरफील्ड्स पर 300 किलोमीटर अंदर तक एक मीटर की सटीकता से स्ट्राइक की.'

कांग्रेस नेता खरगे ने ट्वीट कर लिखा कि सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के बयान के बाद उठ रहे हैं बड़े सवाल, संसद की स्पेशल सत्र बुलाने की जरूरत है, मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है, अब युद्ध की धुंध छंट रही है. हमारे IAF पायलटों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाज़ी लगाई. कुछ नुकसान जरूर हुआ, लेकिन हमारे पायलट सुरक्षित रहे. CDS के मुताबिक, “हमने गलतियां समझीं, उन्हें सुधारा और दो दिन बाद फिर से अपने सभी जेट उड़ाए, लंबी दूरी पर लक्ष्य साधा, हम उनके साहस को सलाम करते हैं. लेकिन अब ज़रूरत है एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा की. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि कारगिल समीक्षा समिति की तरह एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति हमारी रक्षा तैयारियों का व्यापक मूल्यांकन करे.

आगे लिखा कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से दावा किया है कि उन्होंने युद्धविराम का “ब्रोकरिंग” किया है। यह शिमला समझौते के लिए सीधे अपमान के समान है. ट्रंप के इस बयान और अमेरिकी वाणिज्य सचिव द्वारा दायर हलफनामे पर मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए है। प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और अपनी सेना की बहादुरी का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं, जबकि विदेशी सचिव ने 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की थी, जो ट्रंप के ट्वीट के बाद आई.नक्या अब फिर से भारत-पाक संबंधों में जोड़-तोड़ हो रहा है? युद्धविराम की शर्तें क्या हैं? 140 करोड़ देशवासियों को इसका जवाब जानने का अधिकार है.

परमाणु युद्ध का खतरा नहीं था

जनरल चौहान ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को “बेमानी” बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने परमाणु युद्ध को रोका. “मेरे अनुसार पारंपरिक सैन्य कार्रवाई और परमाणु हथियारों के बीच बहुत स्पेस है। संचार की लाइनें खुली थीं, और हमारे पास कई विकल्प होते हैं किसी भी तनाव को हल करने के लिए।”

संघर्ष कैसे शुरू हुआ?

7 मई से शुरू हुआ यह चार दिन का संघर्ष कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भड़का था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार किया. जनरल चौहान ने कहा कि युद्धविराम अब तक कायम है, लेकिन इसकी स्थिरता पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगी.

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