Old Delhi Railway Station: नाम बदले या न बदले, भारत के इस स्टेशन ने रचा है विरासत और आधुनिकता का इतिहास
1864 में बने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन को अब ‘महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन’ नाम देने की मांग की गई है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे समाज सुधारक महाराजा अग्रसेन को श्रद्धांजलि बताया है. यह स्टेशन दिल्ली की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक धड़कन का प्रतीक है. चांदनी चौक के पास स्थित यह स्टेशन ब्रिटिश और मुगल स्थापत्य कला का संगम है और स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर विभाजन तक कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है. आज भी यह यात्रियों के लिए सुविधाजनक हब बना हुआ है.;
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, जो 1864 में अस्तित्व में आया था, भारतीय रेलवे के सबसे पुराने और ऐतिहासिक स्टेशनों में से एक माना जाता है. यह स्टेशन न सिर्फ दिल्ली की विरासत का प्रतीक है, बल्कि देश की सांस्कृतिक और आर्थिक धड़कन को भी दशकों से जोड़ता आ रहा है. लाल किले और चांदनी चौक के करीब स्थित यह स्टेशन हर रोज़ हजारों यात्रियों की आवाजाही का केंद्र होता है.
अब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस प्रतिष्ठित स्टेशन को 'महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन' नाम देने की औपचारिक मांग की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि यह बदलाव समाज सुधारक और आर्थिक दूरदर्शी महाराजा अग्रसेन को एक 'उचित श्रद्धांजलि' होगी. गुप्ता का कहना है कि अग्रसेन जी का योगदान सामाजिक न्याय और सामुदायिक कल्याण के लिए ऐतिहासिक रहा है और दिल्ली की संस्कृति में उनकी गहरी छाप आज भी दिखाई देती है.
तो आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन के बारे में और डिटेल में...
इतिहास: 160 साल पुराना सफर
दिल्ली के चांदनी चौक के दिल में स्थित पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, जिसे आधिकारिक रूप से दिल्ली जंक्शन (DLI) कहा जाता है, वर्ष 1864 में अस्तित्व में आया था. इसे ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी ने शुरू किया था. शुरुआत में यह केवल मीटर-गेज रेल ट्रैक से रेवाड़ी से जुड़ा था. बाद में इसे राजपूताना स्टेट रेलवे और आगरा-दिल्ली लाइन से जोड़ा गया. आजादी से पहले यह स्टेशन न केवल यात्री परिवहन के लिए, बल्कि सामान ढोने और आंदोलनों का केंद्र भी रहा. इसकी ऐतिहासिक लाल ईंटों की इमारत आज भी मुगलों की स्थापत्य कला और अंग्रेजी इंजीनियरिंग का संगम दिखाती है.
कुछ खास बातें...
- पुरानी दिल्ली स्टेशन को ब्रिटिशों ने अपने प्रशासनिक और सामरिक उद्देश्यों के लिए विकसित किया था. यह दिल्ली का पहला मुख्य रेलवे स्टेशन था.
- स्टेशन की इमारत को मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य शैली में बनाया गया है
- इसकी लाल ईंटों की शानदार बिल्डिंग, बुर्ज और मेहराबें इसे एक किले जैसी भव्यता देती हैं
- 1903 में जब दिल्ली को राजधानी घोषित किया गया, तो स्टेशन का विस्तार और पुनर्निर्माण भी किया गया
- इसे पहले "दिल्ली रेलवे स्टेशन" कहा जाता था, लेकिन जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ, तब इसे 'पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन' कहा जाने लगा
- स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यह स्टेशन आंदोलनकारियों के आने-जाने का प्रमुख केंद्र रहा
- विभाजन (1947) के समय यहां से लाखों शरणार्थी भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर आए या गए. उस दौर की पीड़ा का यह स्टेशन गवाह रहा
लोकेशन: दिल के बेहद करीब
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, चांदनी चौक के पास स्थित है और चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन (पीली लाइन) से महज 5-10 मिनट की पैदल दूरी पर है. इसके अलावा यहां DTC की बसें (214, 236, 402 आदि) और ऑटो-टैक्सी की सुविधा आसानी से उपलब्ध है. ध्यान रखें कि चांदनी चौक और कश्मीरी गेट क्षेत्र ट्रैफिक के लिहाज से बेहद व्यस्त रहता है, इसलिए यात्रा समय का ध्यान जरूर रखें.
हर जरूरत का ख्याल
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं:
- AC और नॉन-AC वेटिंग रूम
- रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी (बुकिंग जरूरी)
- हेल्प डेस्क और इन्क्वायरी काउंटर
- डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और घोषणाएं
- दिव्यांग यात्रियों के लिए रैंप, व्हीलचेयर और एलिवेटर
- ATM, फ्री Wi-Fi, पीने का पानी और कुली सेवा
आस-पास क्या देखें?
अगर आप दिल्ली घूमने आए हैं, तो स्टेशन के पास ही लाल किला (Red Fort), जामा मस्जिद, सेंट जेम्स चर्च, चांदनी चौक का बाजार जैसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों की सैर जरूर करें.
कुछ ज़रूरी FAQs:
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का कोड क्या है?
DLI
क्या यहां मेट्रो से पहुंचा जा सकता है?
हां, चांदनी चौक मेट्रो (पीली लाइन) सबसे नजदीक है
कुल कितने प्लेटफॉर्म हैं?
यहां 16 प्लेटफॉर्म हैं. प्लेटफॉर्म 1 चांदनी चौक की ओर है और 16 ISBT साइड पर.
क्या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से यहां कैसे पहुंचे?
ऑटो, बस, या पीली लाइन मेट्रो से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन न सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट हब है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी है. यदि आप दिल्ली के दिल की धड़कन को महसूस करना चाहते हैं, तो यह स्टेशन आपकी यात्रा की शुरुआत या अंत के लिए एकदम उपयुक्त जगह है.