“मैं क्यों गाली खाऊं?” नितिन गडकरी का बड़ा कदम - अब हर हाइवे साइट पर लगेगा QR कोड, जनता जान सकेगी किसने बनाई सड़क

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब हर हाइवे साइट पर QR कोड वाले बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन्हें स्कैन कर लोग ठेकेदार, कंसल्टेंट और संबंधित अधिकारियों की जानकारी देख सकेंगे. साथ ही NHAI और हाईवे बिल्डर्स को YouTube चैनल बनाकर प्रोजेक्ट की वीडियो अपडेट्स अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. गडकरी ने कहा, “अगर सड़क खराब है तो जिम्मेदारी तय होगी, मैं क्यों गाली खाऊं.”;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो देश में पब्लिक एकाउंटेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी की दिशा में मिसाल बन सकता है. अब अगर किसी राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे की हालत खराब है, तो जनता सीधे यह जान सकेगी कि सड़क बनाने वाला ठेकेदार कौन है, किस अधिकारी ने मंजूरी दी और किस कंसल्टेंट ने काम देखा. हाइवे साइट पर लगे QR कोड को स्कैन कर लोग यह सारी जानकारी अपने मोबाइल पर पा सकेंगे.

नितिन गडकरी ने कहा, “मैं क्यों गाली खाऊं? अगर सड़क खराब है तो अब लोग जानेंगे कि ठेकेदार कौन है, कंसल्टेंट कौन है और कौन-से अधिकारी ने मंजूरी दी थी.” उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर अब QR कोड वाले होर्डिंग्स लगाए जाएंगे, जिन्हें कोई भी यात्री स्कैन करके उस सड़क प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी देख सकेगा. इस कोड में ठेकेदार, कंसल्टेंट, परियोजना से जुड़े सरकारी अधिकारियों के नाम और संपर्क विवरण मौजूद रहेंगे. गडकरी ने कहा, “अगर सड़क खराब है और लोग सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैं, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए. सड़क निर्माण में A से Z तक जिम्मेदारी, ईमानदारी और सकारात्मक दृष्टिकोण जरूरी है. सड़कें अच्छी बननी चाहिए और लंबे समय तक अच्छी रहनी चाहिए.”

अब हर हाइवे प्रोजेक्ट पर होगा YouTube अपडेट

सड़क परिवहन मंत्रालय ने NHAI और हाईवे बिल्डर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने YouTube चैनल बनाएं और निर्माण कार्य की वीडियो अपडेट्स नियमित रूप से अपलोड करें. इन वीडियोज़ में दिखाया जाएगा कि सड़क प्रोजेक्ट किस स्टेज पर है, निर्माण की गति कैसी है, और कहां सुधार की जरूरत है. सड़क परिवहन सचिव वी. उमाशंकर ने कहा, “कई बार हमें प्रोजेक्ट्स की असली स्थिति स्वतंत्र YouTubers की वीडियोज़ से पता चलती है. इसलिए अब हम तय कर रहे हैं कि वीडियो अपलोडिंग को कॉन्ट्रैक्ट डॉक्युमेंट्स का हिस्सा बनाया जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे.”

अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार पहले से ही ड्रोन वीडियो जमा करते हैं, इसलिए उन्हें पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डालना मुश्किल नहीं होगा. इससे जनता को न सिर्फ सड़क प्रोजेक्ट्स की प्रगति देखने का मौका मिलेगा, बल्कि उनकी राय भी सीधे सरकार तक पहुंचेगी.

परफॉर्मेंस ऑडिट से बढ़ेगी जवाबदेही

गडकरी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हर सड़क परियोजना में परफॉर्मेंस ऑडिट किया जाए, ताकि यह पता चल सके कि कहां डिजाइन में कमी है या मेंटेनेंस में लापरवाही. उन्होंने कहा, “जब ऑडिट नियमित होगा, तो पारदर्शिता बढ़ेगी और बहाने खत्म होंगे.” उन्होंने यह भी दोहराया कि अगर लोग टोल टैक्स दे रहे हैं, तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सड़कें मिलनी चाहिए. मंत्री ने कहा, “मौसम या खराब बिटुमेन कोई बहाना नहीं हो सकता. सड़क अगर आरामदायक नहीं है तो उसे ठीक करो, चाहे खर्च बढ़ जाए - लेकिन यात्रा में आराम समझौते की चीज नहीं है.”

25,000 किलोमीटर हाईवे अपग्रेड और ₹2 लाख करोड़ की योजना

गडकरी ने बताया कि सरकार इस समय 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन में अपग्रेड कर रही है और प्रमुख बंदरगाहों को कनेक्ट करने के लिए ₹2 लाख करोड़ का बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान चल रहा है. उन्होंने कहा कि सड़कें सिर्फ अर्थव्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि धार्मिक पर्यटन और एडवेंचर टूरिज्म को भी मजबूत कर रही हैं. “काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या धाम जैसे स्थानों के विकास के बाद यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है. इससे रिक्शा चालकों से लेकर होटल मालिकों तक सबकी आमदनी बढ़ी है.”

हर प्रोजेक्ट में अनिवार्य होगा प्रीकास्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

गडकरी ने कहा कि अब हर हाइवे प्रोजेक्ट में प्रीकास्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग अनिवार्य किया जा रहा है. इससे न केवल निर्माण की गुणवत्ता बेहतर होगी बल्कि प्रोजेक्ट्स समय से पहले पूरे किए जा सकेंगे. उन्होंने कहा, “हम हर साल हजारों किलोमीटर नई सड़कें बना रहे हैं, और तकनीक का उपयोग बढ़ाने से समय और लागत दोनों की बचत होगी.”

सड़क विकास और पर्यावरण का संतुलन

पर्यावरण को लेकर भी गडकरी ने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के किनारे करीब 8,500 पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन किया गया है ताकि सड़क निर्माण के साथ-साथ हरियाली भी बनी रहे. गडकरी ने कहा, “हम सिर्फ सड़कें नहीं बना रहे, बल्कि पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन भी कायम कर रहे हैं.”

लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में भारी कमी की उम्मीद

गडकरी ने कहा कि बेहतर सड़कें भारत की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित होंगी. वर्तमान में देश में 80% माल परिवहन सड़क मार्ग से, 18% अन्य माध्यमों से और मात्र 1% हवाई मार्ग से होता है. उन्होंने बताया कि नए हाईवे नेटवर्क और बेहतर कनेक्टिविटी से लॉजिस्टिक्स कॉस्ट सिंगल डिजिट तक लाने का लक्ष्य है. “अच्छी सड़कें सिर्फ यात्रा को आरामदायक नहीं बनातीं, बल्कि देश के उद्योग, कृषि और व्यापार को भी तेज़ गति देती हैं.”

‘सेफ, सस्टेनेबल और मॉडर्न’ रोड नेटवर्क का लक्ष्य

गडकरी ने अंत में कहा कि सरकार का मकसद सिर्फ सड़कें बनाना नहीं, बल्कि सुरक्षित, टिकाऊ और आधुनिक सड़क तंत्र तैयार करना है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और लोगों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो. “सड़कें देश की जीवनरेखा हैं. जब सड़कें बेहतर होंगी, तो देश की रफ्तार भी बढ़ेगी.”

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