पहलगाम हमले की गुत्थी सुलझाने में जुटी NIA, 3D मैपिंग से बन रही जांच की तस्वीर; जिपलाइनर ने क्या किया खुलासा?

पहलगाम टेरर अटैक की जांच में जुटी NIA लगातार संदिग्धों से पूछताछ कर रही है. पांच दिनों में 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है. एजेंसी ने क्राइम सीन की 3D मैपिंग भी कराई है और मोबाइल डेटा खंगाला जा रहा है. जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल से भी कई बार सवाल-जवाब हुए हैं. जांच एजेंसी अब अल्ट्रा स्टेट कम्युनिकेशन सिग्नल्स की भी जांच कर रही है.;

Curated By :  नवनीत कुमार
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा लगातार जारी रही. अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पूछताछ का सिलसिला तेज़ है. NIA ने 100 से अधिक लोगों से सवाल-जवाब किए हैं, जिनमें पांच स्थानीय व्यक्ति प्रमुख रूप से शामिल हैं. एक वायरल वीडियो के चलते जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल पर विशेष नजर है.

मुजम्मिल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वह राइड के दौरान पर्यटक से 'अल्लाह-हू-अकबर' कहते सुना गया. हालांकि, NIA स्पष्ट कर चुकी है कि वह धार्मिक नारे की जांच नहीं कर रही, बल्कि यह जानना चाह रही है कि क्या मुजम्मिल को आतंकी हमले की पूर्व जानकारी थी. इस संदर्भ में NIA ने उससे अलग से पूछताछ शुरू की है.

डर से छुप गया था ऑपरेटर

सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल ने जांच एजेंसी को बताया कि उसे हमले की कोई जानकारी नहीं थी और गोलीबारी के बाद वह डरकर अपने घर भाग गया था. घटना की जानकारी उसने पुलिस को नहीं दी क्योंकि वह खुद सदमे में था. मुजम्मिल पिछले चार वर्षों से जिपलाइन ऑपरेटर का काम कर रहा है और उसका परिवार स्थानीय है.

NIA की नज़र में संदेह बना हुआ

NIA को अब भी कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं, जैसे क्या मुजम्मिल ने हमले से पहले किसी संदिग्ध गतिविधि को नोटिस किया था? गोलियों की आवाज़ सुनने के बाद उसने पर्यटकों की सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की? एजेंसी उसके मोबाइल और डिजिटल फुटप्रिंट्स की गहन जांच कर रही है.

अन्य संदिग्ध भी रडार पर

NIA अब पूछताछ के दायरे को और बढ़ा रही है. एक फूड स्टॉल चलाने वाले स्थानीय व्यक्ति से भी पूछताछ हो रही है, जिसका वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक महिला अपने पति की जान की गुहार लगा रही थी. एजेंसी क्राइम सीन को री-क्रीएट करके घटनाक्रम को समझने की कोशिश में लगी है.

पूरे इलाके की हुई 3D मैपिंग

जांच एजेंसी ने पूरे इलाके की 3D मैपिंग कराई है और मोबाइल डेटा को खंगाला जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, दो ऐसे संचार सिग्नल पकड़े गए हैं जो बिना सिम कार्ड के मोबाइल नेटवर्क से जुड़ सकते हैं. कई फोन नंबर जो पहले एक्टिव थे अब बंद हो चुके हैं. ये तकनीकी सुराग आतंकियों के नेटवर्क की पहचान में अहम साबित हो सकते हैं.

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